भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने कमर कसना शुरू करदी है। गुरूवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने प्रदेश के सभी पदाधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शामिल हुए। इसके बाद पूर्व विधायक और सीहोर जिले के पूर्व भाजपा नेता रमेश सक्सेना को पार्टी की सदस्यता दिलाई। विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी से बगावत करते हुए अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया था। हालांकि उन्हें हार मिली, लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में दीपक बावरिया ने भाजपा पर एक बार फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी खरीद फरोख्त की राजनीति कर रही है। लोकसभा चुनाव में भी जनता बीजेपी को करारा जवाब देगी। उनसे जब सवाल पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में हारे हुए कांग्रेस नेताओं को क्या टिकट दिया जाएगा। इस सावल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘इसके लिए मापदंड नहीं बनाए गए है| यह स्टेट कमेटी और सीईसी का अधिकार होता है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के नाम का प्रस्ताव देंगे, उम्मीद है कि कमेटी नकारेगी नहीं। उन्होंने कहा कि मेरी समझ में हारे हुए एमएलए को आगे करने की बात को अवॉइड करने की कोशिश होती है।
सक्सेना बीजेपी में लीज पर थे, अब मालिकाना हक़ मिला है
भाजपा के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता की शपथ दिलाई। कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद रमेश सक्सेना ने कहा कि मैं पिछले चार साल से शिवराज के बंगले पर नहीं गया हूं। क्योंकि मैं नेता बना भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए। बीजेपी भ्राष्टाचार युक्त पार्टी बन गई थी। इसलिए मैंने कहा था कमलनाथ जी जब प्रदेश में आएंगे जैसा आदेश देंगे मैं वैसा करूंगा। वह मेरे बड़े भाई हैं, जब वह प्रदेश अध्यक्ष बने थे तभी मैंने कह दिया था कि मैं अब बीजेपी में नहीं हूं। वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि रमेश सक्सेना बीजेपी में लीज पर थे और अब लीज खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि सक्सेना को कांग्रेस में आने के बाद मालिकाना हक मिला है अब उनकी घर वापसी हुई है।
गौरतलब है कि रमेश सक्सेना पूर्व सीएम शिवराज के गृह जिले सीहोर से आते हैं। उनके कांग्रेस में शामिल होने से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। हालांकि, विधानसभा चुनाव में भी सक्सेना ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करदी थीं। उन्होंने बागी होकर अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाया था। कांग्रेस में शामिल होने से पहले रमेश सक्सेना ने बयान दिया था कि वह भले बीजेपी के चार बार के विधायक रहे हों लेकिन 1990 से उनके पहले नेता कमलनाथ ही रहे हैं। वह उनसे तीन दश्कों से प्रभावित हैं।