राज्यपाल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री नियुक्त किया, 17 को लेंगे सीएम पद की शपथ

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भोपाल| कांग्रेस विधायक दल के नेता चुने गए कमलनाथ ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है| सुबह 11 बजे कमलनाथ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ राजभवन पहुंचे| प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव उनके साथ थे.| यहां कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सरकार गठन का दावा पेश किया, कमलनाथ ने राज्यपाल को एक पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने 121 विधायकों के समर्थन की जानकारी दी है। इसमें कांग्रेस के 114 विधायकों के अलावा बसपा के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक शामिल हैं।  

इसके बाद राज्यपाल ने पत्र जारी कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए मंत्रिमंडल गठन करने के लिए आमंत्रित किया है| प्रदेश के 18 वें मुख्यमंत्री बनने जा रहे कमलनाथ 17 दिसंबर को शपथ लेंगे| भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में दोपहर 1.30 बजे भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा| जहां प्रदेश भर से कार्यकर्ता जुटेंगे| यहां कमलनाथ पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे| शपथ समारोह को भव्य बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी भी शामिल होंगे| इसके साथ प्रदेश और देश भर से राजनीतिक और उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां भी शामिल होंगी| बताया जा रहा है कि शपथ समारोह में बसपा प्रमुख मायाबती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हो सकते हैं| इसके अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस समारोह में शामिल होने की सम्भावना है| कमलनाथ के साथ डेढ़ दर्जन मंत्री भी शपथ ले सकते हैं| लेकिन इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है| सूत्रों के मुताबिक 20 मंत्रियों की शपथ लेने की संभावना है| जल्द ही पार्टी इस सम्बन्ध में खुलासा कर सकती है| 

दो दिन रही कश्मकश 

इससे पहले राजभवन में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस में दूसरे दिन भावी मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली से भोपाल तक कश्‍मकश की स्थिति बनी रही। भोपाल से लेकर दिल्ली तक हुई बैठकों के बाद कमलनाथ के नाम पर मुहर लग गई है|  राहुल गाँधी के साथ बैठक के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ विधायक दल की बैठक में पहुंचे| जहाँ कमलनाथ के नाम पर सहमति बनी और कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया| औपचारिक घोषणा कर दी गई है| दिल्ली से आये केंद्रीय कार्यसमिति के पर्यवेक्षक एंटनी ने कमलनाथ के नाम की घोषणा की| वहीं उपमुख्यमंत्री कोई नहीं होगा| इससे पहले चर्चा थी कि डिप्टी सीएम का फार्मूला मप्र में लाया जा सकता है|  

पीसीसी के बहार लगा रहा मेला, देर रात हुई घोषणा 

एक तरफ सीएम के नाम को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर चलता रहा, वहीं भोपाल में पीसीसी के बाहर मेला लगा रहा| सीएम के नाम में ऐलान होने में देरी के चलते कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों ने पीसीसी के बाहर जमकर हंगामा किया| सुबह से लेकर रात तक यहां समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा| इस बीच रात 11 बजे साफ हो गया कि कमलनाथ ही एमपी के नए मुख्यमंत्री होंगे। नाम का ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का उनके समर्थन के लिए धन्‍यवाद अदा करते हुए कहा कि यह पद उनके लिए मील के पत्‍थर के समान है। उन्‍होंने कहा कि, वे मध्‍यप्रदेश के मतदाताओं के आभारी हैं।  

जानिये कमलनाथ के बारे में 

कमलनाथ संगठन क्षमता में माहिर माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा बेटा मानती थीं जिन्होंने 1979 में मोरारजी देसाई की सरकार से मुकाबले में मदद की थी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता पहुँचाने में कमलनाथ की अहम् भूमिका रही है|  1980 में पहली बार सांसद बने। आठ बार से छिंदवाड़ा से सांसद हैं। हवाला केस में नाम आने के कारण मई 1996 के आम चुनाव में कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ सके। इस हालत में कांग्रेस ने कमलनाथ की पत्नी अलका कमलनाथ को टिकट दिया जो विजयी रहीं। वहीं 1997 के फरवरी में हुए उप चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से 37,680 वोटों से हार गए। कमलनाथ पहली बार 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सडक़ निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री बने। 

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