भोपाल। बीते साल 2 अप्रैल को हुई हिंसा और उपद्रव को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क है। आला अधिकारी किसी भी तरह की रिस्क नहीं ले रहे। जिले में कानून एवं शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। 1 अप्रैल सुबह 6 बजे से प्रभावशील धारा 144 तीन अप्रैल को रात 12 बजे तक प्रभावशील रहेगी। दलित आंदोलन की बरसी पर ग्वालियर-चंबल के तीन जिले भिंड, मुरैना और ग्वालियर को हाईअलर्ट पर रखा गया है। ग्वालियर में कल से धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवा बंद हैं। वहीं भिंड मुरैना में कड़ी सुरक्षा की गई है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
ग्वालियर में 10 तो ऐसे संवेदनशील पॉइंट हैं, जहां पिछली बार सबसे अधिक उपद्रव हुआ था। इन पॉइंटों पर रविवार शाम से ही सीआरपीएफ और एसएएफ जवान तैनात हैं। संवेदनशील इलाकों में आज ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। राज्य शासन ने सुरक्षा के मद्देनजर ग्वालियर में इंटरनेट सेवा बाधित करने की मंजूरी दी गई है।
डंडा, सरिया, फावड़ा पर प्रतिबन्ध
आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विस्फोटक, आयुध तथा ऐसी सामग्री जिससे खतरा उत्पन्न हो सकता है। हथियार जैसे लाठी, डंडा, सरिया फावड़ा हॉकी आदि का प्रदर्शन नहीं करेगा, न ही लेकर चलेगा। किसी भी प्रकार के कट आउट बैनर पोस्टर फ्लेक्स होर्डिंग्स झंडे आदि पर किसी भी धर्म व्यक्ति संप्रदाय जाति या समुदाय के विरुद्घ नारे या अन्य भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। साथ ही वर्ग धर्म एवं संप्रदाय में विद्वेष उत्पन्न करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड नहीं करेगा।
तीन लोगों की हो गई थी मौत
पिछले साल हुए उपद्रव में तीन लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद मुरार, थाटीपुर क्षेत्र में कफ्र्यू तक लगाना पड़ा था। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग श्रद्धांजलि सभा तो कुछ लोग अन्य आयोजनों को लेकर आव्हान कर रहे हैं। इसलिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट है। पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती वे क्षेत्र हैं, जहां से पिछले साल उपद्रव की शुरुआत हुई और यहां गोलियां चलने तक की नौबत आ गई। इसमें थाटीपुर के भीमनगर, अंबेडकर नगर, सरकारी मल्टी, चौहान प्याऊ, साठ फुटा रोड, अंबेडकर पार्क, मुरार, सिरोल और गोला का मंदिर शामिल हैं। यहां सबसे ज्यादा उपद्रव हुआ था। इसके चलते यहां अद्र्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।