जानकारी के मुताबिक कई आउटसोर्सिंग वोकेशनल ट्रेनर पिछले पांच-छह सालों से लगातार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्यवसायिक शिक्षा देने का काम कर रहे थे। उनकी नियुक्ति आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा की गई थी। इसके साथ ही कुछ लोगों की नियुक्ति शाला प्रबंधन समिति के द्वारा भी की गई थी। हालांकि सत्र सत्र 2021 द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल नवीन आदेश जारी किए थे।
जिसके मुताबिक अनुबंधित सर्विस प्रोवाइडर को नवीन चयन करने का काम सौंपा गया था। इसके साथ ही सभी वोकेशनल ट्रेनर की सेवाएं 15 अगस्त 2021 के बाद समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए गए थे। इस मामले में प्रकाश यादव और अन्य द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में लोक शिक्षण आयुक्त के आदेश को चुनौती दी गई। जिस पर हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व में कार्यरत सभी वोकेशनल की सेवा को बिना चयन प्रक्रिया के निरंतर जारी रखा जाए।
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इससे पहले वोकेशनल ट्रेनर की ओर से अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने दलील दी। जिसमें कहा गया कि पूर्व में आउटसोर्सिंग एजेंसी और शाला प्रबंधन समिति द्वारा ट्रेनों की नियुक्ति की गई थी। हर वर्ष संविदा से संविदा को प्रतिस्थापित करना बनवाना और विधि विरुद्ध तरीका है। चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान वोकेशनल ट्रेनर संविदा पर नियुक्त संविदा को उसी जगह पर संविदा नियुक्त कर सेवा से पृथक नहीं किया जा सकता। इतना ही नहीं वकील ने कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा ही चयन प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और लगातार इस में पक्षपात की संभावना बनी रहती है।
जिस राज्य शासन को आदेश जारी करते हुए कोर्ट ने पूछा कि क्या वह अपने स्तर पर जनरल पराजित कर सकता है। एजेंसी द्वारा आयोजित प्रक्रिया पर प्रश्न भी उठाए गए थे। जिसके बाद राज्य शासन द्वारा कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया और कहा गया कि Trainer की नियुक्ति के लिए किसी भी चयन प्रक्रिया का आयोजन नहीं किया जाएगा।
इतना ही नहीं शासन ने कहा कि पहले से कार्यरत सभी Trainer को DEO की अध्यक्षता वाली समिति के सामने नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करने होंगे। समिति डॉक्यूमेंट का परीक्षण करेगी। उसके बाद एजेंसी द्वारा नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे। हालांकि ट्रेनर को एक राहत दी गई है कि परीक्षा में ट्रेनर की उन्मुक्ति रहेगी और उन्हें परीक्षा नहीं देना होगा। आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने हलफनामा के आधार पर याचिकाओं का निराकरण करते हुए निर्णय दिया है कि ट्रेनर बिना किसी चयन प्रक्रिया भी शामिल हुए निरंतर कार्यरत रहेंगे। साथ ही उनकी सेवाएं समाप्त नहीं होगी।