जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। अब अधिकारीगण (MP Officers) विधिवत जांच और जनसुनवाई की समुचित अवसर दिए बिना MP Employees- ग्राम रोजगार सहायकों (Village Employment Assistants) की सेवा समाप्त नहीं कर पाएंगे। दरअसल इस मामले में हाईकोर्ट (MP High court) ने बड़ा फैसला दिया है। जिसका लाभ रोजगार सहायकों को होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि बिना समुचित अवसर दिए रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त नहीं की जा सकती। इसके ऊपर अंतरिम रोक लगा दी गई है।
बता दें कि जबलपुर निवासी विकास द्विवेदी ने याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि जिला पंचायत सीईओ ने 4 अगस्त 2021 को उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उन पर आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायत की बैठक में उपस्थित होने कार्य में रुचि नहीं है। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुनील मिश्रा ने कोर्ट में दलील पेश की।
जिसमें कहा गया कि अगले दिन CEO को जवाब पेश किया गया। CEO ने 5 अगस्त को कलेक्टर को रिपोर्ट भेजी और कलेक्टर ने उसी दिन रोजगार सहायक की सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए। इस मामले में 17 फरवरी को आवेदक द्वारा संभावित के समक्ष अपील पेश की गई थी। जिसे खारिज कर दिया गया।
वही वकील ने दलील दी है कि ऐसे मामले में कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी करने का अधिकार है। कलेक्टर तभी सेवा समाप्त कर सकते हैं। जब विधिवत जांच करें, चार्टशीट दायर करें, आवेदक को अपना पक्ष रखने उचित अवसर प्रदान करें। ऐसा नहीं करने की स्थिति में कलेक्टर द्वारा एक ही दिन में सेवा समाप्ति के आदेश जारी करना असंवैधानिक है। जिस पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि बिना विधिवत जांच और सुनवाई की समुचित अवसर दिए ग्राम रोजगार सहायक की सेवा समाप्त नहीं की जा सकती। इस पर अंतरिम रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आवेदक के खिलाफ अनियमितता का आरोप है। इस मामले में एक नियमित प्रक्रिया के तहत जरूरी है। इतना ही नहीं है कोर्ट ने इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव, संभाग आयुक्त, जबलपुर कलेक्टर जिला पंचायत और जनपद पंचायत सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।