भोपाल। कांग्रेस हाईकमान द्वारा भोपाल लोकसभा से प्रत्याशी घोषित करने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संतों की शरण में पहुंचकर जीत का आशीर्वाद मांग रहे हैं। भाजपा की ओर से अभी प्रत्याशी तय नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस दिग्विजय दिग्विजय सिंह द्वारा पिछले साल निकाली गई नर्मदा परिक्रमा के जरिए उनकी हिंदुवादी छवि बनाने में जुट गई है। कांग्रेसियों की ओर से दिग्विजय को कट्ठर हिंदू बताने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए बाकायदा सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। खास बात यह है कि दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार में संतों को भी उताने की तैयारी है।
लोकसभा प्रत्याशी तय होने के बाद दिग्विजय सिंह भोपाल में डेरा डाले हुए हैं और वे चुनाव होने तक अब भोपाल में ही रहेंगे। दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों नर्मदा पूजन से लेकर, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद, जैन मुनि विद्यासागर जी महाराज समेत अन्य बड़े संतों के पास पहुंचकर आशीर्वाद लिया है। चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले दिग्विजय सिंह का संतों की शरण में पहुंचना उनकी हिंदूवादी छवि को प्रदर्शित करने की कोशिश है। वहीं मंदिरों में जानी भी जारी है| कांग्रेस को आशंका है कि भाजपा चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह पर सांप्रदायिक हमले करेगी। जिसमें उनके बयान एवं ट्वीटों को आधार बनाया जाएगा, जो उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक के दौरान किए थे। साथ ही आतंकी ओसामा बिन लादेन एवं हाफिज सईद को लेकर दिए गए बयानों को भी चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा।
पेश की जाएगी हिंदूवादी छवि
बेशक दिग्विजय सिंह एक राजनेता के तौर पर ऐसे बयान देते रहे हैं, जिससे पार्टी ने भी किनारा किया है। वे संघ पर हमेशा हमला करते रहे हैं। लेकिन दिग्विजय सिंह व्यक्तिगत जीवन में एक कट्ठर हिंदू हैं। पिछले साल उन्होंने 6 महीने तक राजनीति से अवकाश लेकर पत्नी अमृता सिंह के साथ पैदल नर्मदा परिक्रमा की थी। साथ ही देश भर के मठ-मंदिरों में पूजा अर्चना की। कांग्रेस चुनाव में भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए दिग्विजय सिंह की इसी छवि को पेश करेगी। साथ ही सत्ता में रहते पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई नर्मदा यात्रा को भी चुनाव में मुद्दा बनाया जाएगा। किस तरह नर्मदा यात्रा पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए।
दिग्विजय को घेरने की भाजपा की रणनीति
भारतीय जनता पार्टी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ बेशक अभी तक प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है, लेकिन संगठन में दिग्विजय सिंह की घेराबंदी की रणनीति पर मंथन जारी है। अभी तक भाजपा दिग्विजय सिंह के सामने हिंदूवादी नेता को उतारने की तैयारी में थी, लेकिन भोपाल के लिए कोई ऐसा चेहरा भाजपा के पास नहीं है, जो दिग्विजय सिंह को चुनाव हरा सके। संघ की ओर से मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी रहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को नाम सामने आया था, लेकिन भाजपा के मंथन में यह बात सामने आई कि प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा का चेहरा बनाकर दिग्विजय सिंह को नहीं हराया जा सकता है। ऐसे में पार्टी अन्य चेहरे की तलाश में है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, से लेकर नरेंद्र तोमर और उमा भारती का नाम भी चर्चा में है जो दिग्विजय को कड़ी टक्कर दे सके |