वही उन्होंने कहा कि हम भोपाल (Bhopal) के डायरेक्टोरेट या मंत्रालय (Directorate or ministry) में बैठकर नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के जिलों में जाकर देखेंगे की आयुष के क्षेत्र में किस तरह का काम हो रहा हैइस मौके पर उन्होंने आयुष चिकित्सा क्षेत्र (Ayush medical field) में प्रदेश की आगामी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।इस दौरान आयुष मेडिकल वेलफेयर फाउंडेशन ने राज्य आयुष मंत्री को आयुष रत्न से अलंकृत किया।
दरअसल, राज्य आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे आज गुरुवार को ग्रेटर ब्रजेश्वरी पिपलियाहाना स्थित एडवांस्ड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने आयुष चिकित्सकों (Ayush doctor) को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के वरिष्ठ होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक चिकित्सकीय बोर्ड (Homeopathic and ayurvedic medicine board) का जल्द ही गठन होगा। प्रदेश में आयुष मेलों का आयोजन किया जाएगा। सीएचओ के पदों पर शीघ्र ही होम्योपैथी चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी।
राज्य आयुष मंत्री सुझाव देते हुए कहा कि भोपाल के डायरेक्टोरेट या मंत्रालय में बैठकर नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जिला क्षेत्रों में जाकर देखना चाहते हैं कि आयुष के क्षेत्र में कौन कैसा कार्य कर रहा है। आप जिस पद्धति के चिकित्सक हैं, उसी पैथी का उपयोग स्वयं और अपने घर के लोगों के लिये प्रयोग करें। ऐसा करने से आपके चिकित्सा प्रणाली का विकास अवश्य होगा। जब से वे आयुष मंत्री बने है, तब से इस चिकित्सा पद्धति के महत्व के बारे में व्यापक जानकारी मिली हैं। उन्हें त्वचा रोग (एलर्जी) हो गया था, जिसके लिये उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा अपनाया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में होम्योपैथी, आयुर्वेद की शिक्षा को और अधिक बेहतर बनाया जायेगा। आने वाले समय में आगामी पीढ़ी होम्योपैथी आयुर्वेदिक चिकित्सा को ही अपनायेगी।आयुष मंत्री ने कहा कि जब वे स्वयं होम्योपैथी, आयुर्वेद अपनायेंगे, तभी दूसरे लोगों को इसे अपनाने के लिये प्रेरित कर सकेंगे। होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी चिकित्सकों ने कोरोना काल में बहुत अच्छा कार्य किया है। उनके इस कार्य को हम ऐसे ही व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी यथोचित सम्मान दिलायेंगे। मरीज को जब बड़े-बड़े अस्पताल के चिकित्सक बोलते हैं कि, घर ले जायें मरीज को और इनकी सेवा करें, तब वह मरीज होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक व नेचुरोपैथी अपनाकर स्वस्थ रहता है। उन्होंने भविष्य में प्रदेश के आयुष वेलनेस सेन्टरों को और अधिक विकसित करने की बात कही।
कावरे ने निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्र में स्थापित किए गए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स का लाभ क्षेत्र के ग्रामीणों को अधिक से अधिक दिलायें। उन्होंने सेंटर की स्थापना के संबंध में अब तक की गई प्रगति की विस्तार से जानकारी ली। बताया गया कि खंडवा जिले के 8 आयुर्वेद एवं होम्योपैथी औषधालयों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिये ग्राम पंचायत के माध्यम से 4 लाख 50 हजार की राशि से मरम्मत एवं निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
उन्होंने कहा कि आयुष अस्पतालों में जो भी समस्याएं व कमियां हो उनके बारे में संभागीय व प्रदेश स्तर के अधिकारियों को बतायें, आयुष अस्पतालों में शासन स्तर से हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। श्री कावरे ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और स्व-सहायता समूहों की दीदीयों के माध्यम से भी आयुष पद्धति का व्यापक प्रचार-प्रसार ग्रामीणों के बीच किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आयुष पद्धति भारत की अत्यंत प्राचीन उपचार पद्धति है, यह पद्धति पूर्णतः सुरक्षित है, इस पद्धति से उपचार में दवाईयों से किसी तरह के साइड इफैक्ट की संभावना बिल्कुल नही रहती है।