भोपाल।
बीते 15 महीनों में कमलनाथ सरकार ने जिन शिव “राज” की योजनाओं पर ब्रेक लगाया था, अब बीजेपी के सत्ता में आते ही रफ्तार मिलने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि अपने पिछले कार्यकाल में चलाई गई योजनाओं को शिवराज फिर से शुरु कर सकते है। कयास लगाए जा रहे है कि शिवराज सरकार द्वारा शुरू किए गए जनहितेषी सारी योजनाएं वापस शुरु किया जा सकता है, वही कई ठंडे बस्ते में पड़ी योजनाओं को भी रफ्तार दी जा सकती है।
दरअसल पिछले साल बजट पेश करते हैं पूर्व की कमलनाथ सरकार ने उन सारी योजनाओं को बंद कर दिया था जिससे शिवराज सिंह चौहान अपनी ब्रांडिंग कर रहे थे। कमलनाथ सरकार ने संबल योजना, मीसाबंदी पेंशन योजना, संबल योजना, दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना, मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना , मेधावी योजना और छात्रों को स्मार्टफोन देने जैसी तमाम योजनाओं को ताला लगा दिया था।वही कईयों में बदलाव कर नाम बदल दिया था, जिसको लेकर बीजेपी ने जमकर विरोध भी जताया था। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सरकार की घेराबंदी की थी। वही कमलनाथ सरकार द्वारा शिव “राज” के कई फैसलों को भी पलटा गया था, लेकिन अब शिवराज की सत्ता में वापसी ने फिर से यह उम्मीद जाग गई है कि उनके द्वारा शुरू की गई योजना फिर से जीवंत रूप ले सकती है। वही उन फैसलों पर भी पुर्नविचार किया जा सकता है।
बता दे कि मीसाबंदी पेंशन योजना के तहत हर व्यक्ति को प्रत्येक माह 25 हजार रूपए पेंशन के तौर पर दिया जाता था। तो वही स्मार्ट फोन योजना में कॉलेज जाने वाले छात्रों को 2100 रुपए का स्मार्टफोन दिया जाता था। कॉलेज मैं 75% उपस्थित होने पर छात्रों को इस योजना का लाभ मिलता था। मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना संबल योजना गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की बिजली बिल माफ करने की योजना थी ।दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना। के तहत गरीबों को 5 रुपए में भोजन उपलब्ध कराया जाता था। इन सभी योजनाओं को कमलनाथ सरकार ने आते ही बंद कर दिया था।वही मुख्यमंत्री कन्या/विवाह और तीर्थदर्शन योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई थी, लेकिन शिवराज के सरकार में आते ही योजनाओं के फिर रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि कोरोना से निपटने और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद फिर ये योजनाएं चालू की जा सकती है।