भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Corona) की स्थिति भयावह होती जा रही है। सरकारी स्त्रोत के अतिरिक्त कोरोना से मौत (death) के जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं वो डराने वाले हैं। साथ ही ये सवाल भी खड़े करते हैं कि क्या सरकार (government) सही आंकड़ें छिपा रही है ? अगर सिर्फ राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां 27 मार्च लेकर 1 अप्रैल के बीच कोरोना गाइडलाइन के अनुसार 102 शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, इनमें से 55 संक्रमित राजधानी के थे।
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कोरोना (Corona) को लेकर ये चौंकाने वाली स्थिति है। जानकारी के अनुसार केवल भदभदा विश्राम घाट पर 84 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के अनुसार किया गया, जिनमें से 41 शव भोपाल के थे। लेकिन सरकारी आंकड़े की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के हैल्थ बुलेटिन में बताया है कि इन 6 दिनों में कोरोना से केवल 6 मौते हुई है। भोपाल में कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए भदभदा, सुभाष नगर और झदा कब्रिस्तान में ही अंतिम संस्कार की अनुमति है। 27 मार्च से 1 अप्रैल के बीच सुभाष नगर विश्राम घाट में 9 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, जो सभी भोपाल के थे। वहीं झदा कब्रिस्तान में 9 शव दफनाए गए जिनमें से 5 भोपाल के थे और इस तरह आंकड़ा देखें तो पाएंगे कि कुल 102 शवों का अंतिम संस्कार हुआ जिनमें से 55 तो सिर्फ राजधानी के थे।
इसी के साथ अस्पतालों की दुर्दशा और एंबुलेंस में शव लाने की अव्यवस्था को लेकर भी कई तरह की तस्वीरें सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक मरने वालों की बढ़ती संख्या के बीच एंबुलेंस में एक साथ 5-6 शवों को एक के ऊपर एक लादकर लाया जा रहा है। ये इतनी दुखद खबर है कि इसकी कल्पना ही रोंगटे खड़े करने वाली है। रविवार को वायरल एक ऑडियो में भी, जोकि मोती बजाज और संदीप नाम के दो व्यक्तियों के मध्य का वार्तालाप बताया जा रहा है, उसमें मोती बजाज साफ कह रहे हैं कि रोजाना 18-19 लोगों को मौत देख रहा हूं। संदीप द्वारा ये पूछने पर कि क्या इसका मतलब आंकड़े बहुत कम है। मोती बजाज कहते हैं कि आंकड़ें गलत बताए जा रहे हैं। मोती बजाज चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ अजय गोयनका के साले बताए जाते हैं। हालांकि एमपी ब्रेकिंग इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन इसमें कही गई बातें गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर रही है।