भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में कोरोना (corona) की रफ्तार (speed) जिस तेज गति से बढ़ रही है, वो अत्यंत भयावह (scary) है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave) अब तक हद से ज़्यादा घातक साबित हुई है। ऐसे में वैज्ञानिकों (scientists) का मानना है कि आने वाले दो हफ्ते बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन दो हफ्तों में ज़रूरत है कि देशवासी कोरोना की सभी गाइडलाइन्स (guidelines) का बेहद सख्ती से पालन करें। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि ऑक्सीजन, बेड, आदि की किल्लत कुछ और दिन ऐसे ही रही तो देश तबाह होने की राह पर होगा।
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सीएसआईआर- सीसीएमबी (सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी) के डायरेक्टर राजेश मिश्रा ने देश वासियों को सचेत करते हुए कहा कि आने वाले दो हफ्तों में बहुत ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। ये दो हफ्ते देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण और कठिन हैं। उन्होंने इटली का ज़िक्र करते हुए कहा कि उस देश की हालत हम सब देख चुके हैं। किस प्रकार ऑक्सीजन और ज़रूरी सेवाओं की कमी के चलते अस्पतालों में लाशें ही लाशें बिछी थीं।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस जैसी बीमारियों की दूसरी लहर ज़रूर आती है। और इस दूसरी लहर में वायरस म्यूटेट होकर और भयावह तरीके से हमला करता है। और अपने देश में कोरोना वायरस के एक नही बल्कि कई नए म्यूटेंट्स मिल रहे हैं। ऐसे में लापरवाही बरतने पर स्थिति बाद से बदतर होने की आशंका है। आगे उन्होंने कहा कि जिस तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है उसका मुख्य कारण है लोगों की लापरवाही, ये मानकर की कोरोना चला गया है लोगों ने मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंस रखना और सेनिटाइजर का उपयोग करना ही बंद कर दिया था जिसके चलते कोरोना आज अपने चरम पर है।
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उन्होंने ये भी कहा कि जिनको कोरोना वायरस का टीका लग चुका है वे भी लापरवाही न बरतें वैक्सीनेशन के बावजूद आप कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने से कोई भी म्यूटेंट हो हम उसका सामना कर सकते हैं।