इंदौर, आकाश धोलपुरे। देश के दिल मध्यप्रदेश के सबसे तेजी से बढ़ते शहर इंदौर में पोस्ट कोविड बीमारियों के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि इंदौर के सरकारी और निजी अस्पतालों में इन दिनों ब्लैक फंगस के शिकार 500 से ज्यादा मामले सामने आए है। वहीं अब इंदौर में अब ग्रीन फंगस (Green Fungus) का मरीज सामने आया है और ये देश का पहला मामला है।
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दरअसल, इंदौर में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर आतंक मचाया था जो अब बहुत हद तक शांत भी हो चुकी है, लेकिन अब इंदौर में बीमारियों के जंजाल में एक नए फंगल इंफेक्शन का मामला सामने आया है जो देश का पहला मामला है। दरअसल, पोस्ट कोविड बीमारियों के लिहाज से अब तक ब्लैक, व्हाइट और क्रीम फंगस के मामले सामने आए थे लेकिन इंदौर में अब देश का पहला ऐसा मामला सामने आया है जिसमें मरीज 90 दिन के इलाज के बाद ग्रीन फंगस का शिकार हुआ है।
देश में पहला ग्रीन फंगस का मामला इंदौर में
स्वास्थ्य विभाग की अधिकारी डॉ.अपूर्वा तिवारी ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को इंदौर के अरविंदो हॉस्पिटल से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है जिसमे विशेषज्ञ डॉक्टर रवि डोशी ने बताया कि 34 वर्षीय विशाल श्रीधर नामक युवक पिछले डेढ़ माह से अरविंदो हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे थे लेकिन उनके लंग्स का 90 प्रतिशत इन्वॉल्वमेंट खत्म नहीं हो रहा था। जबकि उनका हर मुमकिन इलाज किया गया था। इसके बाद अरविंदो हॉस्पिटल में उनके लंग्स की जांच कराई गई तो पता चला कि मरीज के लंग्स में ग्रीन कलर का एक फंगस मिला है जिसे म्युकर नहीं कहा जा सकता है, इसलिये उसे म्यूकर मायकोसिस नहीं कहा जा सकता है लेकिन उसके हरे रंग के कारण उसे ग्रीन फंगस नाम दिया गया है। डॉ.अपूर्वा ने बताया कि ये देश में पहला केस है जिसमे ग्रीन कलर का फंगस किसी इंसान के लंग्स में मिला है। उन्होंने बताया कि निजी चार्टेड प्लेन से विशाल श्रीधर नामक मरीज को मुंबई के हिंदुजा हॉस्पिटल भेजा गया है। वही डॉ.रवि डोशी लगातार मुम्बई के डॉक्टर्स के संपर्क रहकर मरीज की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
इंदौर में बड़े आकार के व्हाइट फंगस की भी शिकार हुई महिला
डॉ.अपूर्वा तिवारी ने मीडिया को बताया कि डॉ.दीपक कुलकर्णी से चर्चा के बाद पता चला है कि मेडीकेयर हॉस्पिटल में कला बाई नामक धार निवासी एक मरीज थी जिनको लगातार सिरदर्द की शिकायत थी और डॉक्टर ने जब उनकी जांच की तो उनके ब्रेन में वड़े आकार का एक फंगस मिला। उसके डायमेंशन हैरान कर देने वाले थे। उन्होंने बताया कि डायमेंशन के आधार पर फंगस पूरे भारत का बड़ा फंगस माना जा रहा है। व्हाइट फंगस नाक से नहीं जा रहा है बल्कि ब्लड के जरिये ही दिमाग में जा रहा है। हालांकि महिला मरीज की हालत सर्जरी के बाद ठीक हो गई है और उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।