भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे बड़ा झटका लगा है। जाति प्रमाण पत्र की जांच करने वाली छानबीन समिति ने बुधवार को फैसला सुनाया है। समिति ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए के बार फिर जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। समिति ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। बता दें सांसद ज्योति धुर्वे अनुसूचित जनजात सीट बैतूल से दूसरी बार सांसद हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सांसद ज्योति धुर्वे को बड़ा झटका लगा है। जाति प्रमाण पत्र की जांच करने वाली छानबीन समिति ने बुधवार को फैसला सुनाया है। समिति ने अपने पुराने फैसले को बरकरार रखते हुए के एक बार फिर जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। समिति ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। अब धुर्वे का आदिवासी जाति प्रमाण पत्र रद्द होगा| बता दें सांसद ज्योति धुर्वे अनुसूचित जनजाति सीट बैतूल से दूसरी बार सांसद हैं। दो तीन दिन में ही धुर्वे के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के आदेश जारी हो सकते हैं| इससे धुर्वे की लोकसभा की सदस्यता खतरे में आ जायेगी|
सांसद ज्योति धुर्वे की जाति को लेकर पिछले दस साल से विवाद की स्थिति चल रही है। हाई पॉवर छानबीन समिति ने तीन मई को निर्णय में जाति प्रमाण पत्र निरस्ती के आदेश दिए थे। इस पर सांसद ने पुनर्विचार याचिका दायर कर दी थी, जिस पर भाजपा सरकार के दौरान दो बार सुनवाई टाल दी गई। इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आते ही धुर्वे की जाति प्रमाण पत्र का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया। बताया जा रहा है कि अब समिति सदस्य धुर्वे को राहत देने के पक्ष में नहीं हैं। इससे उनके सांसद पद पर भी सवाल खड़े होंगे। हालांकि धुर्वे के पास कोर्ट जाने का विकल्प अब भी बरकरार है। समिति ने रायपुर और बालाघाट के तिराेड़ी में भी इस प्रकरण की जांच की थी। धुर्वे ने समिति के समक्ष पुनर्विचार की अपील की थी जिस पर सुनवाई हुई थी। धुर्वे के मामले की जांच राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने की थी। जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपनी पति की जाति के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाया जबकि यह पिता की जाति के आधार पर बनता है।
मुख्यमंत्री ने तलब की थी जानकारी
बताया जा रहा है कि इस बहुचर्चित मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव एसआर मोहंती से जानकारी तलब की थी। इसके बाद दो टीमें रायपुर, बैतूल और बालाघाट रवाना कर दी गईं। एक दिन पूर्व ही समिति के जांच अधिकारी सांसद ज्योति धुर्वे की माताजी और पिताजी से पूछताछ के बाद उनके बयान भी दर्ज करके लाए थे। छानबीन समिति ने एक बार फिर नए सिरे से जांच के बाद यह फैसला सुना दिया।