ट्रैक्टर पर सवार जीतू पटवारी का प्रहार, केंद्र सरकार पर जमकर साधा निशाना

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। कृषि कानून (Agriculture bill) के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शन के दिन इंदौर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं (Congress Workers) ने जिला कांग्रेस कमेटी के बैनर तले तेजाजी नगर चौराहे पर चक्काजाम किया और किसानों के समर्थन में दिया धरना दिया। बड़ी संख्या में मौजूद जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और किसानो ने जमकर नारेबाजी कर चक्काजाम (Road Jam) किया। हंगामे की आशंका के चलते के बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा और पुलिस ने बेरिकेड्स लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट किया।

धरना प्रदर्शन और चक्काजाम के दौरान पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Former Minister Jitu Patwari) ने ट्रैक्टर (Tractor) पर बैठकर किसान आंदोलन का समर्थन कर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि न तो पीएम मोदी लोगो के बैंक खातों में 15 लाख डाल पाए और ना ही किसानों की आमदनी को दुगुना कर पाए। वही उन्होंने कहा कि 2014 तक देश मे विकास हुआ था और अब किसानों को पेट्रोल डीजल की मूल्यवृद्धि और यूरिया के बढ़े हुए दामो की मार झेलनी पड़ रही है।

जीतू पटवारी ने इंदौर में कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में इंदौर सहित प्रदेशभर के स्टेट और नेशनल हाइवे को जल्द किसान ट्रैक्टर रैली के जरिये जाम कर देंगे। वही उन्होंने मंत्री उषा ठाकुर पर वन विभाग के द्वारा की गई शिकायत पर कहा कि एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री माफियाओं पर कार्रवाई के नाम पर गाड़ दूंगा, मिटा दूंगा जैसी बातें कर रहे है तो क्यों नही वो अपनी मंत्री पर कार्रवाई करते है।

 

वही मकर संक्रांति के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिये गए बयानों के जबाव में कहा कि वो सीनियर नेता है लेकिन जब वो एक उंगली किसी पर उठाते है तो चार उंगली उनकी तरफ उठती है। उन्होंने कहा कि संस्कारो की बात कैलाश विजयवर्गीय न करे तो अच्छा है क्योंकि जब उनका बेटा बल्ला चलाता है और वो खुद अधिकारियों पर हमलावर होते है तब उनके संस्कार कहा जाते है।इस मौके पर किसानो को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने महंगाई और रोजगार सहित अन्य मुद्दों को लेकर किसानों से बात कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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