जीतू पटवारी ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में किया ध्वजारोहण, कहा ‘सर्वधर्म समभाव और मौलिक अधिकार संकट में’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी समेत कई मुद्दे उठाए। उन्होने बीजेपी पर आरोप लगाया कि लगभग दो महीने होने के बावजूद वो घोषणा पत्र में किए वादों पर अमल नहीं कर रही है। कहा कि आज सामाजिक सर्वधर्म की भावना, मौलिक अधिकार और जनप्रतिनिधियों की ताकत पर संकट गहराता जा रहा है।

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Jitu Patwari hoisted the flag : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ध्वजारोहण किया। प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होने कहा कि भारत का संविधान, प्राचीन भारतीय सभ्यता में निहित सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक मूल्यों पर आधारित है। एकता, सद्भावना, समानता और संप्रभुता – हमारे संविधान के आधार स्तंभ और हमारे गणतंत्र की आत्मा हैं। आइये हम सभी मिलकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने का संकल्प लें।

जीतू पटवारी ने दी शुभकामनाएं, बीजेपी पर लगाए आरोप

ध्वजारोहण के बाद जीतू पटवारी ने पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होने कहा कि’ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीतकर सत्ता में आई है। संविधान की मूल धारणा है कि जो राजनीतिक दल जनता के साथ जो वादे करते हैं, घोषणा पत्र प्रस्तुत करते हैं, उसके आधार पर वोट लें तो फिर अक्षरश: उसका पालन करें। लेकिन इस बात का दुख है कि प्रदेश की लगभग दो महीने की बीजेपी सरकार ने गणतंत्र दिवस पर भाषण तो खूब दिए लेकिन एक शब्द भी अपने वादों को लेकर नहीं कहा। ये मध्यप्रदेशवासियों के लिए एक चुनौतिपूर्ण प्रश्न खड़ा करता है।’

आम जनता से की अपील

उन्होने कहा कि ‘देश के जो हालात हैं, चाहे मंहगाई हो, बेरोजगारी की समस्या हो या फिर सामाजिक सर्वधर्म की भावना की बात हो, मौलिक अधिकारों की रक्षा हो या फिर जनप्रतिनिधियों की ताकत की बात हो..इनपर संकट गहराता जा रहा है। देश की 75 वर्ष की यात्रा में हर राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधियों ने, नेताओं ने इसकी रक्षा की..आज वो संकट में हैं। 145 सांसदों को संसद से बाहर कर कानून पास करवाया, ये संविधान की मूल धारणा नहीं है। विधानसभा से विधायकों को निष्कासित करना भी संविधान की नहीं थी। जो राजनीतिक रूप से ताकत देती है, ऐसी स्वायत्त संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। ये सब देश के सामने आज प्रश्न है और नागरिकों को इसपर विचार करना चाहिए। लोकतंत्र में आम नागरिकों को मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए और इस संकट को दीर करने के लिए लड़ना चाहिए।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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