Jyotiraditya Scindia on Rajmata Scindia: 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उल्लास है। इसी बीच केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आजी अम्मा राजमाता विजया राजे सिंधिया को याद करते हुए लेख लिखा है। जिसमें उन्होनें राम जन्मभूमि मंदिर के लिए “आजी अम्मा” के संघर्ष और योगदान के बारे में बताया है। उन्होनें अपने लेख में राजमाता विजया राजे सिंधिया को एक निर्णायक नेता और एक कुशल प्रशासक के रूप में उनके योगदान के बारे में बताया है।
भाजपा कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा राम मंदिर का प्रस्ताव
सिंधिया के बताया कि राजमाता सिंधिया ऐसी महिला राजनेता थीं, जिन्होनें शुरुआती चरणों में जनसंघ और बीजेपी के निर्माण में अहम योगदान दिया। उन्होनें ही 1988 में तत्कालीन कार्यकारी भाजपा कार्यकारी परिषद की बैठक में श्री राम मंदिर का प्रस्ताव रखा था। इसी प्रस्ताव से आगे जाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए एक दिशा तय हुई।
सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा में बनी आडवाणी की “सारथी”
1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक की राम रथ यात्रा का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी थी। सभी शहर “जय श्री राम” के नारे गूंज रहे थे। सिंधिया बताते हैं, “इस दौरान भी राजमाता सिंधिया ने रामभक्तों और आडवाणी का समर्थन दिया और उनके साथ मजबूती से खड़ी रहीं। कई लोगों ने रथयात्रा के दौरान राजमाता की भूमिका को रथ के “सारथी” का दर्जा भी दिया।”
जनता को जोड़ने में सक्षम थी राजमाता सिंधिया
ज्योतिरादित्य ने इस लेख में राजमाता सिंधिया की जननेता की छबि के बारे भी बात की। उन्होंने बताया की कैसे राजमाता जनता को जोड़ने में सक्षम थीं और कैसे पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी उनका अलग ही जुड़ाव था। सिंधिया ने बताया कि 1991 में आयोजित कार सेवा में राम मंदिर निर्माण के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कार सेवकों की पत्नी और माताओं को राजमाता ने सम्मान दिया और “एक पत्नी और एक माँ के रूप में वह अपने शब्दों से लोगों के दिलों को छूने में सक्षम बनीं।
अनगिनत रामभक्तों के बीच उत्साह पैदा करने में उन्होनें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रभाव से मध्य प्रदेश के करीब 36000 कार सेवक रथ यात्रा में शामिल हुए थे।
महिला सशक्तिकरण और समाज सेवा में भी दिया योगदान
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने लेख में आजी अम्मा को एक राष्ट्रवादी और धार्मिक व्यक्ति बताया है। राजमाता सिंधिया ने न सिर्फ राम मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि समाज और महिलाओं के भी कई उल्लेखनीय कार्य किए।
उन्होनें महिलाओं और लड़कियों के बीच शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास लिए है। गरीबों और वंचितों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई धर्मार्थ संगठनों और फाउंदेशनों की स्थापना भी की।