सियासी हलचल के बीच कमलनाथ ने सरकार पर दागे सवाल- MP में दो तरह के क़ानून?

Pooja Khodani
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कमलनाथ

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हनी ट्रैप (Honey Trap) की पेनड्राइव (Pendrive) को लेकर जारी सियासत के बीच एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath)  ने ट्वीटर के माध्यम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर मोदी सरकार के 7 साल पूरे, कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा, जूड़ा की हड़ताल और बेसहारा बच्चों को लेकर लागू हुई योजना को लेकर शिवराज सरकार की घेराबंदी की है।वही कमलनाथ ने दर्जनों सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा है कि मध्यप्रदेश में दो तरह के क़ानून?

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दरअसल, कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि मध्य प्रदेश में दो तरह के क़ानून ?एक सत्ता पक्ष के लोगों के लिये और दूसरा आमजन व विपक्ष के लिये ? भाजपा सरकार  (BJP Government) में भाजपा के लोग प्रदेश भर में खुलेआम मोदी सरकार के 7 वर्ष पूरे होने का जश्न-उत्सव मनाते है, भीड़ भरे कार्यक्रम आयोजित करते है, धरने देते है, पुतले दहन करते है, प्रदर्शन करते है लेकिन उन्हें हर तरह की छूट ?वही कोरोना के नियमो का हवाला देकर आमजन, ग़रीब, ठेलेवाले, दिहाड़ी मज़दूर रोज़ प्रताड़ित।

कमलनाथ ने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि विपक्ष की आवाज़ को भी रोज कुचलने का काम किया जा रहा है ?अब सीधी में जनता के हक़ की माँगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से, आंदोलन कर रहे है कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल (Congress MLA Kamleshwar Patel) व कांग्रेसजनो पर प्रकरण दर्ज कर लिया गया ? शिवराज सरकार में भाजपा के जश्न- उत्सव को खुली छूट व जनहित की आवाज़ उठाना प्रतिबंधित, ग़रीब लोगो का व्यापार करना प्रतिबंधित ?

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कमलनाथ ने तीसरे ट्वीट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(Chief Minister Shivraj Singh Chauhan),ये कैसी तानाशाही है ? प्रदेश में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है, उनकी जायज़ माँगो को मानने की बजाय उनके घर देर रात को पुलिस भेजकर उनके बुजुर्ग परिजनो को धमकाया जा रहा है ? जिन लोगों ने कोरोना काल में रात-दिन जागकर कोरोना वारियर्स बनकर लोगों की सेवा की है, उनके सम्मान की बजाय उनके परिजनो से अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है ?

कमलनाथ ने चौथे ट्वीट कर लिखा है कि क्या अपनी माँगो को लेकर आवाज़ उठाने का हक़ जूनियर डॉक्टर्स को नहीं है ? क्या बातचीत कर पहल का रास्ता निकालने की बजाय सरकार दमन के रास्ते पर उतर आयी है ?सरकार का यह कृत्य बेहद निंदनीय है, सरकार इसके लिये माफ़ी माँगे, इसके दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो और जनहित में जूनियर डॉक्टर्स की माँगो को तत्काल मान कर उनकी हड़ताल समाप्त करवायी जावे।

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कमलनाथ ने कहा कि मै पहले दिन से ही कह रहा हूँ कि इस कोरोना महामारी में शिवराज सरकार द्वारा पीड़ितों की मदद के नाम पर घोषित सारी योजनाएँ सिर्फ़ काग़ज़ी व दिखावटी है, इसमें कई विसंगतियाँ है, जिसके कारण इसका लाभ वास्तविक ज़रूरतमंदो को नहीं मिले पायेगा और सरकार भी यही चाहती है।प्रदेश में कोरोना से मृत व्यक्तियों का सरकारी आँकड़ा पहले ही काफ़ी कम है, जबकि प्रदेश में हज़ारों लोगों की मौत कोविड से हुई है ?

कोविड-19 बाल कल्याण योजना पर उठाए सवाल

कमलनाथ ने कहा कि अब तो मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण नहीं लिखने का आदेश भी जारी हो गया है , अस्पताल पहले से ही नहीं लिख रहे है और अब सरकार ने भी मना कर दिया है ?सरकार चाहती ही नहीं है कि कोरोना से हुई मौतों का सरकारी आँकड़ा बढ़े ताकि उन्हें अनुग्रह राशि देना ही ना पड़े ? कोविड जनित बीमारियों से मृत्यु को पहले से ही इस योजना में शामिल नहीं किया गया है।वही कोविड-19 बाल कल्याण योजना में भी मार्च-2021 के बाद के ही बेसहारा बच्चे पात्र ?

योजना को 20 से लागू करें

कमलनाथ ने कहा कि कोरोना की पहली लहर में अनाथ हुए बच्चों का क्या दोष ? जिनके माता- पिता दोनो का साया सर से ना उठा हो , वो योजना के लिये पात्र ही नहीं ? कैसी विसंगतियाँ डाल कर योजनाएँ बनायी गयी है।यदि शिवराज सरकार को बेसहारा बच्चों की वास्तव में चिंता है तो मार्च- 20 से इस योजना को लागू करे और इसकी व सारी योजनाओं की तमाम विसंगतियाँ दूर करे।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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