भोपाल।
नए साल में प्रदेश की कमलनाथ एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है। खबर है कि अब सरकार ने स्थाईकर्मियों का इलाज कराने से मना कर दिया है।जिसके चलते स्थाईकर्मियों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ने लगी है। स्थाईकर्मी अब विरोध की तैयारियों में जुट गए है। आने वाले दिनों में ये सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते है।
दरअसल, अभी तक सरकार कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्थाईकर्मियों का इलाज करवाती आई है। वर्तमान में 48 हजार से ज्यादा स्थाईकर्मी है।लेकिन इस साल कमलनाथ सरकार ने फैसला किया है कि वह इनका इलाज नही करवाएगी। इसी के चलते इन्हें कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल नहीं किया है।सरकार के इस फैसले के बाद स्थाईकर्मियों में आक्रोश है, उनकी मांग है कि पुन उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा,वरना वे सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
बता दे कि इससे पहले दिग्विजय सरकार में कर्मचारियों के साथ ऐसा किया गया था। हालांकि जब उमा भारती मुख्यमंत्री बनी तो उन्होंने इसे बहाल कर दिया। इसके बाद शिवराज जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने 2016 में इन्हें स्थाईकर्मी बना दिया है।तब से ये स्थाईकर्मी ही कहलाए जाते है। ये मूलतः दैनिक वेतन भोगी हैं जो लगभग सभी विभागों में कार्यरत हैं।