भोपाल।
प्रदेश की अर्थ व्यवस्था का आधार कृषि है। यह तोहफा नहीं, यह प्रदेश की अर्थ व्यवस्था में इन्वेस्टमेंट है। किस तरह से प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाये। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कर्जमाफी एक इन्वेस्टमेंट है। योजना से मुख्यमंत्री नाम हटाया गया। यह योजना किसानों की है इसलिए इसका नाम जय किसान ऋण मुक्ति योजना होगा। किसान को मजबूत करने से अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है। किसान के बेटे ने पढ़ाई कर ली लेकिन बेरोजगार घूम रहा है, यह भी एक चुनौती है। 55 लाख किसानों पर 50 हजार करोड़ का कर्जा माफ होगा।यह योजना 15 जनवरी से शुरू होकर 5 फरवरी तक चलेगी। यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समारोह के दौरान कही और जय किसान ऋण मुक्त योजना की आवेदन प्रक्रिया का शुभारंभ किया।
नाथ ने कहा यह एक अभिनव योजना है। किसान अर्थव्यवस्था की नींव है। उसे मजबूत करना ही होगा। किसानों को सशक्त करना हमारी प्राथमिकता है। कांग्रेस ने 18 दिन में किसान और युवाओं के जीवन के बदलाव पर फोकस किया है। निवेश को लेकर उद्योगपतियो से चर्चा हुई है। अपनी नीति बनाकर निवेश लाने का काम होगा । कई उद्योगपति से बात हुई। जल्द ही निवेश को लेकर जानकारी दूंगा। मप्र अपनी नीति बनाएगा।इस दौरान उन्होंने सरकार को समर्थन देने वालों की निष्ठा पर भरोसा जताया और सरकार गिराने की अफवाह फैलाने वालों को रणछोड़ कहा।
BJP पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि भाजपा मुझे न समझाए क्या बजट होता है। सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाने वाले ही मैदान छोड़ कर भाग गए। कोई प्रलोभन नहीं चलने वाला है। मैं पांच साल बाद मध्य प्रदेश के हर वर्ग को हिसाब दूंगा। मैं तो मोदी जी से भी कहता हूं, आप भी जनता को पांच साल का हिसाब दे दीजिए। इस दौरान नाथ ने भाजपा को हिदायत देते हुए कहा अपने घर का ध्यान रखें। हमारी चिंता न करें।इस मौके पर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा समेत काफी संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।