कमल नाथ ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, कोरोना को लेकर की ये बड़ी मांग

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath)  ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को पत्र लिखकर कोरोन (Corona) से मरने वालों को आर्थिक सहायता देने के लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र में आवश्यक संशोधन करने की मांग की है।  कमल नाथ (Kamal Nath)  ने कहा कि संशोधन करने से कोरोना की आपदा में मरने वाले व्यक्ति के परिवार को उचित आर्थिक सहायता मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ  (Kamal Nath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को आज गुरुवार को एक पत्र लिखा है।  पूर्व मुख्यमंत्री  के लैटर पेड पर लिखे गए इस अर्ध शासकीय पत्र में कमल नाथ (Kamal Nath) ने लिखा  कि मध्यप्रदेश में कोरोना (Corona) से स्थिति भयावह हो गई है , कोरोना संक्रमितों की संख्या 6 लाख के पार चली गई है बहुत से लोगो कोरोना की चपेट में आकर अपनी जान गँवा चुके हैं। परिजन की असमय मृत्यु से आज अनेक परिवार असहाय महसूस कर रहे हैं।  परिवार का मुखिया या एकमात्र कमाने वाले की मृत्यु वाले परिवार आर्थिक संकट झेल रहे हैं ऐसे परिवारों को तत्काल रहत की जरुरत है।

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कमल नाथ (Kamal Nath)  ने आगे लिखा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं और अन्य दुर्घटनाओं में जनहानि होने पर राजस्व पुरस्तक परिपत्र 6 (4) के तहत मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये की आर्थिक  सहायता दिए जाने का प्रावधान है।  इस परिपत्र का मुख्य उद्देश्य आपदाग्रस्त परिवार को  आर्थिक सहायता और राहत दिया जाना है। वर्तमान परिस्थितियों में इस परिपत्र में संशोधन कर कोरोना से मृत्यु को आपदा मानकर रहत दिया जाना उचित प्रतीत होता है।

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अतः आपसे अनुरोध है कि कोरोना से मृत्यु के प्रकरणों में आश्रितों को आर्थिक सहायता और रहत प्रदान करने के लिए राजस्व पुरस्तक परिपत्र 6 (4) में आवश्यक संशोधन करने का कष्ट करें जिससे कोरोना की इस विषम परिस्थितियों में आपदाग्रस्त परिवारों को रहत और सहायता मिल सके।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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