राजनीति में मर्यादाएं हुई तार-तार, मुख्यमंत्री के लिए यह क्या बोल गए पूर्व मंत्री

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जैसे जैसे हम विकसित और प्रगतिशील होते जा हैं, वैसे वैसे ही शब्दों की मर्यादाएं भंग होती जा रही है। आए दिन राजनीति में इस तरह की भाषा सुनने को मिलती है जो कहीं ना कहीं यह बताती है कि अब राजनीति में मर्यादा न केवल तार-तार हो रही है बल्कि विपक्षी पर इल्जाम लगाने के लिए असंसदीय भाषा तक का प्रयोग किया जा रहा है। ताजा मामला भिंड जिले का है, जहां पर चंबल और सिंध नदी में अवैध उत्खनन का आरोप लगाकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) ने नदी बचाओ पदयात्रा निकाली। उनकी इस यात्रा पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने पोरसा और करेरा की जनसभा में कहा कि वे लोग नदी बचाओ पदयात्रा निकाल रहे हैं, जिनपर रेत उत्खनन के अवैध आरोप लगते रहे हैं।

इसके प्रत्युत्तर में डॉक्टर गोविंद सिंह ने एक सभा में खुलेआम शिवराज को चुनौती दे डाली कि वे उनके परिजनों का अवैध रेत उत्खनन में संबंध स्थापित करके दिखाएं और उन्हें जेल में डाल कर दिखाएं। और यदि शिवराज ऐसा नहीं कर पाते तो फिर उन्हें आम जनता के बीच काला मुंह करके गधे पर बैठकर घुमाना चाहिए। डॉक्टर गोविंद सिंह 1990 से विधायक हैं। कमलनाथ सरकार में संसदीय कार्य मंत्री भी रह चुके हैं। एक वरिष्ठ विधायक और संसदीय मूल्यों की जानकारी होने के नाते इस तरह की भाषा की उनसे अपेक्षा नहीं की जाती। लेकिन बात अकेली डॉक्टर गोविंद सिंह की नहीं। राजनीति में ऐसे बहुतेरे उदाहरण मिल जाएंगे जब कोई नेता किसी महिला अभिनेत्री को हरामखोर तक कह देता है और बदले वह महिला मुख्यमंत्री से इस अंदाज में बात करती है कि गोया कि वह कोई अदना सा व्यक्ति हो।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News