जिला सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के अधिकारी आशीष शुक्ला ने बताया सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटा बेस एप भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आईआईटी मद्रास और एनआईसी के सहयोग से तैयार किया गया है। डेटाबेस एप में देश के छह राज्य कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश में पन्द्रह मार्च 2021 के बाद अभी तक हुई सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन एंट्री की गई है।
सड़क दुर्घटनाओं की आनलाइन एंट्री
एनआईसी प्रभारी आशीष शुक्ला ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के डेटा बेस एप में मध्यप्रदेश के सभी जिलों में हुई सड़क दुर्घटनाओं की जिला स्तर पर आनलाइन एंट्री की जा रही है। उन्होंने बताया कि एप में सड़क दुर्घटनाओं की आनलाइन एंट्री के लिये जिलों की रैंकिंग दो श्रेणी में दी जाती है। एक श्रेणी प्रदेश के उन ग्यारह जिलों की है, जहां सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती है और दूसरी श्रेणी में ऐसे सभी जिले शामिल हैं, जहां इन दुर्घटनाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम है।
सागर के बाद दूसरे स्थान पर जबलपुर
आशीष शुक्ला के मुताबिक एप में एंट्री करने के मामले में प्रदेश में पहला स्थान सागर जिले को मिला है। जबकि जबलपुर जिला दूसरे और इंदौर तीसरे स्थान पर रहा है। एप में सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन एंट्री के लिये रैंकिंग नियमित रूप से जारी की जाती है। एनआईसी के अधिकारी के अनुसार भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वार तैयार किये गये इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस एप में की जा रही सड़क दुर्घटनाओं की ऑनलाइन एंट्री के माध्यम से प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण कर उन स्थानों को चिन्हित किया जा सकेगा, जहां दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही है। साथ ही इसके कारणों को भी जाना जा सकेगा और उन्हें दूर करने जरूरी उपाय किये जा सकेंगे।
गौरतलब है कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस ऐप में सड़क दुर्घटनाओं की प्रविष्टियों की आनलाइन एंट्री कराने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात जबलपुर संजय कुमार अग्रवाल एवं थाना प्रभारियों की सराहनीय भूमिका रही।