इधर दिग्विजय का भूपेंद्र पर प्रहार, उधर गोविंद बोले राजा सीएम होते तो शायद नहीं जाती सरकार

Manisha Kumari Pandey
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Govind Singh Rajput Statement: शनिवार को मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि अगर दिग्विजय सिंह कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री होते तो शायद सरकार नहीं जाती। उन्होंने दिग्विजय सिंह की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। हैरत की बात यह है कि इससे ठीक थोड़ी देर पहले ही दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार के ही एक अन्य मंत्री भूपेंद्र सिंह को लेकर जमकर निशाना साधा था।गौरतलब है कि गोविंद और भूपेंद्र दोनों सागर जिले से आते हैं।

शनिवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सागर जिले के खुरई पहुंचे। वहां उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को आड़े हाथों लिया।उन्होंने कहा कि मैं भूपेंद्र सिंह को सज्जन व्यक्ति मानता था लेकिन यहां तो नजारा ही कुछ और है। दिग्विजय ने यह भी कहा कि अगर मैं भूपेंद्र सिंह के खिलाफ षड्यंत्र करता तो भूपेंद्र भूपेंद्र ना होते। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर भूपेंद्र सिंह जो अत्याचार कर रहे हैं वह नाकाबिले बर्दाश्त है और यदि कांग्रेस में कोई योग्य उम्मीदवार भूपेंद्र के खिलाफ नहीं मिला तो मैं ही विधानसभा चुनाव लडूंगा। दिग्विजय ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते सागर जिले में कार्यकर्ताओं के ऊपर झूठे मामले में बनाए जा रहे हैं। ऐसा 50 साल की राजनीति में कभी नहीं हुआ।

हैरत की बात यह है कि इसके थोड़ी देर बाद ही प्रदेश सरकार के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पत्रकारों से चर्चा की और कहा कि दिग्विजय सिंह अगर मुख्यमंत्री होते तो शायद कांग्रेस की सरकार नहीं जाती। उन्होंने दिग्विजय सिंह को एक ऐसा पेड़ बता दिया जो वक्त के अनुसार झुक जाता है और कमलनाथ को वटवृक्ष कह दिया। उन्होंने दिग्विजय सिंह को जमीनी नेता बताया और कहा कि आज भी वे प्रदेश के दौरे करते हैं जबकि कमलनाथ हवाई दौरे करते हैं।

दरअसल सागर जिले में सत्ता वर्चस्व की लड़ाई है और तीन मंत्री अलग-अलग ढंग से प्रदेश सरकार में प्रभावशाली है। जहां प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव अपने व्यक्तिगत प्रभाव और दिल्ली के संबंधों के चलते लंबे समय से राजनीति में है वही भूपेंद्र सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खास माने जाते हैं। गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए हैं और वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे खास सिपहसालार हैं। लेकिन ऐसे वक्त में, जब चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, नेताओं में इस तरह की बयान बाजी यह बताती है कि बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।


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