MP News- ऊर्जा विभाग का बड़ा फैसला, अब बिजली बिलों में मिलेगी राहत

Pooja Khodani
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Electricity Bill

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बिजली कंपनियों (Electric Companies) को MP में अपने थाने खोलने का तोहफा देने के बाद अब शिवराज सरकार (Shivraj Government) एक और बड़ी राहत देने जा रही है। ऊर्जा विभाग द्वारा बिजली मीटरों में बड़ा बदलाव किया जा रहा है, इसके तहत उपभोक्ताओं के घर बिजली के अब स्मार्ट मीटर (Electric Smart Meter) लगाए जाएंगे, ताकी बिजली चोरी जैसे घटनाओं पर रोक लग सके।  खास बात ये है कि इन स्मार्ट मीटरों में सिम (SIM) भी लगी रहेगी, जो बिजली कंपनी के सर्वर तक रीडिंग पहुंचाएगी ।

MP : नए साल में बिजली कंपनियों को शिवराज सरकार का तोहफा, पत्र जारी

विभाग का कहना है कि मार्च तक यह बिजली (Electricity) मीटर लोगों के घरों में लगना शुरु हो जाएंगे। इससे बिजली चोरी और ज्यादा मीटर बिल आने की समस्य़ा से छुटकारा मिलेगा। जिनके घर मीटर लगाए जाएंगे, उन उपभाेक्ताओं काे ईमेल और रजिस्टर्ड माेबाइल नंबर (Mobile Number) पर बिल भेजे जाएंगे। मीटर में लगी सिम के जरिए बिजली कंपनी के सर्वर तक अपने आप रीडिंग पहुंच जाएगी।

इसके अलावा जिनके घर 10 किलाेवाॅट से ज्यादा बिजली लाेड  होता है वहां सिम वाले मीटर नही लगाए जाएंगे, बल्कि वाले मीटराें की ऑटाेमैटिक रीडिंग() हाेगी, ताकी माॅडम के जरिए जाेन ऑफिस के सर्वर में खपत दर्ज होते रहे।इसके अलावा जहां बिजली चाेरी के मामले ज्यादा सामने आते है वहां ग्रुप मीटर लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकीउपभाेक्ताओं का रीडिंग का डाटा जाेन पर लगे सर्वर में पहुंच सके। इससे बिजली चोरी में काफी निजात मिलेगी।

बिजली कंपनियां के बनेंगे थाने, खुद की होगी पुलिस

अब बिजली कंपनियां मध्यप्रदेश में अपने थाने खोल सकेंगी और खुद की पुलिस भी रख सकेंगी, इससे बिजली (Electricity) चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी। अभी बिजली चोरी के मामलों में विद्युत वितरण कंपनियों (MP Power Distribution Companies) को स्थानीय पुलिस (MP Police) की मदद लेना पड़ती है। मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग (Department of Energy) ने इस संबंध में तीनों कंपनियों मध्य, पूर्व और पश्चिम क्षेत्र की विद्युत कंपनी को पत्र लिखा है।अब यह बिजली पुलिस बिजली चोरों को पकड़कर उन पर कार्रवाई करेगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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