भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) द्वारा अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate appointment) पर बड़ा फैसला लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ शासकीय स्कूल (government school) में शिक्षकों (teachers) की कमी होने के बावजूद शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher eligibility test) उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति नहीं दी गई है। इसी कारण पात्रता परीक्षा पास कर चुके अभ्यर्थी में सरकार के प्रति रोष देखने को मिल रहा है।
वहीं मध्यप्रदेश में 30,000 से ज्यादा चयनित शिक्षकों की नियुक्ति को पाने के लिए हर जिले में आंदोलन कर रहे हैं। शिक्षकों द्वारा लगातार शिवराज सरकार (shivraj government) से नियुक्ति के लिए मांग की जा रही है बावजूद इसके सरकार इस तरफ ध्यान देने को राजी नहीं है। इसके बाद शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
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बता दें कि 2008 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था। जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग (Tribal Welfare Department) ने उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पात्रता परीक्षा आयोजित करवाई थी।
इसमें शिक्षा विभाग के अंतर्गत 17000 उच्च माध्यमिक शिक्षक पद, 5000 से अधिक माध्यमिक शिक्षक पद और आदिम कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च माध्यमिक के 2200 शिक्षकों और माध्यमिक शिक्षकों के 5000 से अधिक पदों के लिए पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी।
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वही इन परीक्षाओं के 2 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। मध्यप्रदेश में शिक्षक नियुक्ति की कोशिशें भी हुई लेकिन 2 वर्ष सत्ता के उलटफेर और उपचुनाव के चलते नियुक्ति प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ दिया गया।
बता दें कि इस संबंध में कई बार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसके साथ ही कमलनाथ ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को तत्काल पूरे किए जाने की मांग भी की है। बावजूद इसके सरकार की तरफ से नजरअंदाज को देखते हुए अब शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। वहीं प्रदेश के कई जिलों में पात्रता परीक्षा पास की अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्ति को पाने के लिए आंदोलन किया जा रहा है।