भोपाल| विधानसभा में सत्र के तीसरे दिन किसानों के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ| विपक्ष ने किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया, राज्य में अतिवृष्टि और इससे फसलों को हुए नुकसान, गेहूं के बोनस को लेकर भी भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। इस पर पक्ष विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई, हंगामे के कारण तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी | वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा मुँह चलाने और सरकार चलने में अंतर है|
गुरूवार को भाजपा विधायक एक बार फिर एप्रेन पहनकर मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे। पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता एवं विभिन्न योजनाओं का लाभ न दिए जाने के विरोध में साथी विधायकों के साथ कमलनाथ सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया| भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे| बेरोजगारी भत्ता समेत युवाओं की मांगों को लेकर भाजयुमो गुरूवार को प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहा है|
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान विधायक देवेंद्र वर्मा ने अतिवृष्टि से हुए नुक्सान और मुआवजे का मुद्दा उठाया| राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अपने जवाब में कहा कि सरकार ने फसलों को पहुंची क्षति का आकलन कराया है और मुआवजा भी वितरित किया जा रहा है। इस पर विपक्ष ने सरकार को घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा इस सरकार में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। किसानों के बोनस को लेकर भी भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव और वरिष्ठ भाजपा विधायक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया कि फसलों को पहुंची क्षति का आकलन नहीं किया गया है। इसलिए यह फिर से कराया जाना चाहिए।
गेहूं के बोनस पर हंगामा
इसके साथ ही प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा भी नहीं दिया गया है। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा सरकार गेंहूँ पर बोनस देगी| सत्ता पक्ष के जवाब पर सवाल उठाते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि जिस योजना के तहत बोनस दिया जाना है उसका बजट में धनराशि का भी प्रावधान नहीं किया गया है। विपक्ष के सवालों पर मुख्यमंत्री ने तीखे प्रहार किये| पिछली बार बोनस दिया तो केंद्र सरकार ने खरीदी घटा दी| केंद्र से राशि नही मिली, क्या बीजेपी के 28 सांसदों में से किसी भी एक सांसद ने केंद्र के सामने बात रखी| उन्होंने कहा मुह चलाने मे और सरकार चलाने मे अंतर है। सीएम के जवाब पर जमकर हंगामा हुआ| गोपाल भार्गव ने कहा यहां मूक श्रोता और दर्शक बनकर नही बैठ सकते|