भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश(MP) में लोकसभा की एक व विधानसभा की तीन सीटों पर चुनाव (MP By-election) प्रचार थम गया है। अब सब कुछ मतदाताओं (voters) के मन में है, जिससे वह 30 अक्टूबर को EVM के माध्यम से वोट (vote) में परिवर्तित करेंगे और अपना जनप्रतिनिधि चुनेगे। वाकई BJP चुनाव को चुनाव की तरह लेती है। खंडवा की लोकसभा सीट सहित रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट की विधानसभा सीटों पर स्टार प्रचारकों की चुनावी सभाओ देखकर तो साफ दिखता है।
हालांकि दोनों ही पार्टियों के नेता चुनावी सभाओ में साफ कह रहे थे कि इन चुनावों में जीत या हार से सरकार नहीं बदलने वाली। लेकिन बीजेपी ने जिस तरह से चुनाव प्रचार किया, उसने पार्टी की चुनावी गंभीरता एक बार फिर दिखा दिया दी अकेले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) की बात करें तो उन्होंने खंडवा लोकसभा सहित जोबट,रैगांव और पृथ्वीपुर में 39 सभाओं को संबोधित किया और 5 रात गरीब- आदिवासियों के घर भोजन विश्राम किया।
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शिवराज के बाद सबसे ज्यादा चुनावी सभाएं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) ने ली और कुल 19 सभाओ में पहुंचे। भाजपा की ओर से तीसरे नंबर पर राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (kailash vijayvargiya) रहे जिन्होंने 10 सभाओ को संबोधित किया। यानि कुल मिलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेहद गंभीरता के साथ इन चुनावों में हर कमजोर कड़ी को मजबूत करने की पुरजोर कोशिश की।
वहीं कांग्रेस की बात की जाए तो कमलनाथ (kamalnath) में कुल 14 सभाएं की। उनके बाद कांग्रेस की ओर से अजय सिंह ,जीतू पटवारी, सज्जन वर्मा, अरुण यादव , जयवर्धन सिंह सहित कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे दिग्गजों ने प्रचार किया। बीजेपी ने इन चुनावों में सत्ता और संगठन की ओर से हर विधानसभा स्तर पर दो से तीन मंत्री और इतने ही पदाधिकारी तैनात किए थे जो पूरे समय मैदान में रहे। कांग्रेस ने भी हर स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित की थी।