निगम-मंडलों की कुर्सी की उम्मीद में बैठे नेताओं को करना होगा इंतजार!

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भोपाल। प्रदेश में लोकसभा चुनाव तक निगम-मंडल एवं प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हेागी। प्रदेश में सत्ता बदलते ही सभी निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरण एवं अन्य सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों ने इस्तीफा सौंप दिया था।  इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने निगम-मंडलों में एडजस्ट होने के लिए नेताओं के हाजिरी लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन कांग्रेस संगठन ने तय किया है कि फिलहाल नियुक्तियां नहीं होंगी। सिर्फ गिने-चुने निगम-मंडल एवं प्राधिकरणों में अगले एक महीने के भीतर नियुक्तियां हो सकती है। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संगठन के नेताओं को इस बात के संकेत दे दिए हैं कि फिलहाल नियुक्तियां नहीं होंगी। इसका फैसला हाईकमान के निर्देश पर लोकसभा चुनाव के बाद ही लिया जाएगा। पिछले दिनों संगठन की बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी नेताओं के बीच यह स्थिति भी स्पष्ट कर दी थी। सीएम की निर्देश के बाद भी दावेदारों की भोपाल दौड़ बंद नहीं हुई है। प्रदेश में करीब 80 से ज्यादा निगम, मंडल, प्राधिकरण, बोर्ड एवं अन्य संस्थाओं में नियुक्तियां होना है। जिनमें करीब 125 से ज्यादा कांगे्रस नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा। लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री कमलनाथ इसके लिए तैयार नहीं है। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि निगम, मंडल एवं अन्य संस्थाओं में रिक्त पदों का दायित्व विभाग के मंत्री एवं प्रमुख सचिव के पास ही रहेगा। 

इसलिए नहीं की जा रहीं नियुक्तियां

कमलनाथ सरकार निगम-मंडल एवं अन्य संस्थाओं में नियुक्तियां आगामी चुनाव को देखते हुए नहीं कर रही हैं। नियुक्तियों के लिए हर नेता की ओर से प्रमुख निगम-मंडलों के लिए अपने चहेतो ंके नाम आगे बढ़ा दिए हैं। ऐसे में संगठन को खतरा है कि यदि चुनाव से पहले नियुक्तियां कर दी गईं तो फिर लोकसभा में ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है। क्योंकि मलाईदार पदों पर नियुक्तियों के लिए 4 से 8 नेताओं की नाम सामने आ रही है। यदि नियुक्तियां की तो फिर पार्टी में गुटबाजी बढ़ सकती है, जिसका परिणाम यह होगा कि पार्टी को चुनाव में नुकसान होगा। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ फिलहाल ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं, जिससे संगठन को कोई नुकसान हो। 

मलाईदार के लिए मची होड़

नेताओं के निशाने पर गिने-चुने निगम मंडल हैं। जिसमें खनिज विकास निगम, मप्र हाउसिंग बोर्ड, ऊर्जा विकास निगम, पर्यटन निगम समेत एक दर्जन संस्थाएं ही ऐसी है, जहां नेता पदाधिकारी बनने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। बताया गया कि हाउसिंग बोर्ड का अध्यक्ष कृष्ण मुरारी मोघे को बनाए जाने की संभावना है। 

निशाने पर संघ पृष्टि भूमि के नेता

सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार के निशाने पर संघ पृष्ठभूमि के नेता आ गए हैं। पिछले 15 साल के भीतर विभागों में एडजस्ट किए गए संघ पृष्ठभूमि के नेताओं की जानकारी एकत्रित की जा रही है। जिन्हें एक झठके में बाहर करने की तैयारी है। सबसे ज्यादा संघ पृष्ठभूमि के नेता एवं कर्मचारी जन अभियान परिषद, माखनलाल पत्रकारिता विवि एवं संस्कृति विभाग में जमे हुए हैं। प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि ऐसे लोगों की कुंडली तैयार कर ली गई है, जल्द ही इन पर फैसला लिया जा सकता है। 


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