MP Election : आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर, वाहन मालिक-चालक, हम्माल,ऑटो पार्ट्स व्यापारी, मेकेनिक और सभी ट्रांसपोर्ट परिवहन व्यापार से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।उन्होंने देश की राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मु के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें परिवहन भ्रष्टाचार के कारण 10 लाख परिवहन व्यवसायी द्वारा चुनाव मतदान में बहिष्कार करने की बात कही है। अगर ऐसा होता है तो इससे राजनैतिक दलों की मुश्किलें बढ सकती है।
पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर, वाहन मालिक वाहन चालक, हम्माल माई, ऑटो पार्ट्स व्यापारी, मेकेनिक भाई एवं ट्रांसपोर्ट परिवहन व्यापार से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े परिवार आने वाले चुनाव में 10 लाख मतदाता, मतदान का बहिष्कार करेंगे, क्योंकी मध्यप्रदेश में परिवहन चेकपोस्टों पर वाहनों से वाहन के चक्के एव पासिंग नम्बर के हिसाब से तय की जाती है, अवैध वसूली (इंट्री) की दर और प्रदेश में प्रवेश करते हैं तब एव निर्गम करते है तब अवैध वसूली (इंट्री) देना पड़ती है, इसके साथ ही मध्यप्रदेश के हर जिले एवं बड़े शहर के बायपास पर परिवहन उड़नदस्ता खड़ा रहता है, 24 घंटे वह भी अवैध वसूली (इंट्री) के बिना वाहनों को नहीं आने जाने देता है सभी जगह मध्यप्रदेश मे यही हाल है।
रोज होती है इतनी वसूली
उन्होंने आगे लिखा है कि मध्यप्रदेश के परिवहन चेकपोस्ट पर पर अनुमानित 300 से 400 करोड़ रु. प्रतिवर्ष अवैध वसूली वाहनों से होती है। उदाहरण मध्यप्रदेश की बालसमध (संधवा) परिवहन चैक पोस्ट से लगभग 7 से 8 हजार वाहन 24 घंटे मे आते जाते है और एवरेज एक वाहन से 1500 इंट्री ली जाती है तो इस हिसाब से 24 घंटे में 11200000 /- (एक करोड चार लाख रू.) वसूली होती है। मध्यप्रदेश में 43 परिवहन चेकपोस्ट है तो अनुमान लगा सकते है की कितनी अवैध वसूली होती होगी। इस अवैध वसूली से वाहन चालक, वाहन मालिक व्यवसायी सब परेशान है।
अलग अलग दरें तय
मध्यप्रदेश के परिवहन कार्यालयों में भी भ्रष्टाचार सेवा शुल्क की अलग-अलग काम की दर तय है उसे देना पड़ता है (रिश्वत नहीं दिए बिना कोई काम नही होता है जिसे सेवा शुल्क नाम दिया गया है। जबकी अब NIC के वाहन पोर्टल पर सारे कार्य होते है, फिर भी परिवहन कार्यालय में बाबु मैन्युअल कार्य भी करते है ताकी हर काम का सेवा शुल्क मिल सके ।इसके साथ ही पेपर की बर्बादी भी होती है, मैन्युअल कार्य करने से जिसके कारण वाहन मालिक, व्यवसायी बहुत परेशान है। अभी हाल ही मे भोपाल मे एक ARTO का कच्चा चिट्ठा रिश्वत का पकड़ाया है, प्रदेश के सभी कार्यालयों में यह गोरख धंधा चलता है और करोड़ो रु. की अवैध वसूली होती है।
ना किसी का डर ना किसी का भय बगैर
अवैध वसूली (इंद्री) रिश्वत के कोई काम नहीं होता है। परिवहन कानून का सहारा लेकर बना दिए जाते हैं, हजारों के ऑन लाइन चालान और परिवहन अधिकारियों को अवैध वसूली करने के लिए ऑनलाइन चालान एक रामबाण हथियार के रूप में मिल गया है, जिसके कारण परिवहन व्यवसायी परेशान है। मध्यप्रदेश परिवहन चेकपोस्टों पर हो रही अवैध वसूली (इंद्री) को बंद करने के लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और भारत सरकार द्वारा भी मध्यप्रदेश राज्य सरकार को पत्र लिखे गये, फिर भी अवैध वसूली बंद नहीं की गई।
हमारी संस्था द्वारा शिकायत पत्र लोकायुक्त महोदय, ई ओ डब्ल्यु पुलिस प्रशासन, परिवहन विभाग एवं मुख्यमंत्री महोदय, मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री एवं अनेक जन नेता को करने के बाद भी कार्यवाही नहीं होना और ऊपर से ITOTA एसोसिएशन को परेशान किया गया, जांच के नाम पर कभी ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर बुलाकर कागज की खानापूर्ति की गई, मगर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है शिकायत के पत्रों के साथ वीडियो, फोटो और प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया द्वारा कई बार परिवहन भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाएं मगर किसी भी विभाग और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी।
100 या 108 पर शिकायत, फिर भी कार्रवाई नहीं
मध्यप्रदेश में सीएम हेल्पलाइन नंबर 181 या 100 नंबर पर परिवहन चेकपोस्टो पर हो रही अवैध वसूली (एंट्री) की शिकायत अनेक वाहन मालिकों एवं वाहन चालको द्वारा की गई, मगर आज तक किसी भी शिकायत की कार्यवाही किसी परिवहन चेकपोस्ट कर्मचारी, अधिकारी पर नहीं हुई। उल्टे वाहन मालिक के वाहन के नंबर परिवहन चेकपोस्ट पर रेड स्याही से लिख लिए जाते हैं और फिर शिकायतकर्ता की गाड़ी परिवहन चेकपोस्ट पर रोक कर परिवहन नियम का दबाव बनाकर चालन का डर बता कर शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया जाता है। इसी तरह सी.एम. हेल्प लाइन की शिकायतों का खात्मा किया जाता है और हमारे मध्यप्रदेश के परिवहन मंत्री जी वाहवाही लूटते हैं कि हमने परिवहनकर्ता की सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायत का सबसे ज्यादा निराकरण किया है जबकि यह बात असत्य है वाहन मालिक को मजबूर करके शिकायत बंद कराई गई है यह सत्य है।
राज्यपाल- चुनाव आयुक्त को भी भेजा पत्र
आगे पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश के परिवहन व्यवसायी मजबूर होकर जाने वाले चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे ।आपसे निवेदन है की आप संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही कर मध्य प्रदेश एवं देश के परिवहन व्यवसायियों को राहत प्रदान करेंगे और आने वाले मध्यप्रदेश चुनाव में परिवहन व्यवसायी भी अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें यही आपसे अपेक्षा करते हैं। परिवहन व्यवसायी ने यह पत्र मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय, भारत सरकार नई दिल्ली, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी भेजा है।