MP Election 2023 : कमलनाथ का भाजपा पर ‘सामाजिक सोच को हिंसक’ बनाने का आरोप, कहा ‘नैतिक रूप से हो चुकी है पराजित’

MP Election 2023 : कांग्रेस लगातार बीजेपी पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने और नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाती रही है। राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में बार बार कहते रहे कि वो ‘नफरत के  बाजार में मोहब्बत की दुकान’ खोलने आए हैं। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस ये बात दोहराती रही है और कमलनाथ ने एक बार फिर कहा है कि बीजेपी चाहे हिंसक सोच को जितना भी बढ़ावा दे, लेकिन कांग्रेस के ‘अहिंसा और भाईचारे’ का सिद्धांत लोगों के दिल में बसा हुआ है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘भाजपा और उसके संगी-साथी सामाजिक सोच को हिंसक बनाने की चाहे जितनी कोशिश कर लें लेकिन देश के हृदय में कांग्रेस का दिया ‘अहिंसा और भाईचारे का सिद्धांत’ हमेशा धड़कता रहता है। हिंसक लोग कुछ समय के लिए लोगों को भटका तो सकते हैं, लेकिन छल का छलावा, एक-न-एक दिन धुँध की तरह मिट ही जाता है। भाजपा देश को हिंसा में झोंककर नैतिक रूप से पहले ही पराजित हो गयी है। भाजपा याद रखे नैतिक हार आख़िरकार राजनीतिक हार की ओर ही ले जाती है। ऐसी विध्वंसकारी ताक़तें ‘अमृतकाल’ का नाम इसलिए लेती हैं क्योंकि वो अपने कुकृत्यों की वजह से ख़ुद अमर नहीं हो सकती हैं।’ हालांकि उन्होने किसी घटना का जिक्र नहीं किया, लेकिन हाल ही में ट्रेन में हुई फायरिंग की घटना ने सभी को सकते में डाल दिया है। जिस तरह एक जयपुर मुंबई एक्सप्रेस में आरपीएफ कॉन्सटेबल ने गोली मारकर चार लोगों की हत्या कर दी और उसके बाद भाषण दिया, वो एक दुखद अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है।

इससे पहले कमलनाथ ये भी कह चुके हैं कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने हार स्वीकार कर ली है। उन्होने कहा कि  ‘देश के सभी राज्यों में लगभग यही परंपरा चली आ रही है कि मौजूदा मुख्यमंत्री के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाता है। लेकिन शिवराज जी की भ्रष्ट और नाकाम सरकार ने भाजपा को इतना लाचार कर दिया है कि हर रोज दिल्ली से किसी नेता को शिवराज जी को कवर देने के लिए भेजना पड़ता है। शिवराज जी के घोटालों की लिस्ट इतनी बड़ी है कि दिल्ली तो क्या पूरे देश के भाजपा नेता मिलकर भी 1-1 घोटाले का मुकाबला करें तो भी घोटाले कम नहीं होंगे। बेहतर होगा सत्ता के आखिरी तीन-चार महीने में भाजपा झूठी घोषणाएं करने के बजाय प्रायश्चित करे। वैसे बुरे कामों का सियासी मुआवज़ा कोई नहीं भर सकता।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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