भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों (MP Employees News) के लिए बड़ी खबर है। वित्त वर्ष की समाप्ति के साथ ही कई अधिकारी कर्मचारी के वेतन (salary) पर संकट गहरा गया है। दरअसल अधिकारी कर्मचारियों (mp employees) को अपने ESS प्रोफाइल को अपडेट (ESS Profile update) करने के दिशा निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके कई अधिकारी कर्मचारी के प्रोफाइल अपडेट ना होने की स्थिति में उनका वेतन अटकना तय माना जा रहा है।
प्रदेश के आधे से अधिक कर्मचारियों को आर्थिक रूप से बड़ा झटका लगेगा। बता दे कि राज्य शासन की तरफ से कर्मचारियों को अपने एम्पलाई सेल्फ सर्विस (ESS) डेटाबेस मॉडल को अपडेट करने के दिशा निर्देश दिए गए थे। वहीं लाखों कर्मचारियों का ESS डेटाबेस अभी अपडेट नहीं हो सका है। जिसकी वजह से कर्मचारियों के इस महीने के वेतन को अटकाया जा सकता है। इस मामले में वित्त विभाग के आदेश जारी किये थे।
आदेश जारी होने के साथ ही अब अधिकारी कर्मचारी के वेतन रोकना विभागों के आहरण संवितरण अधिकारी (DDO) की भी मजबूरी बन गई है। आदेश के मुताबिक सभी विभागों के शासकीय कर्मचारियों को 28 फरवरी तक अपने ESS डाटाबेस मॉडल को अपडेट करने के दिशा निर्देश दिए गए थे। इस मामले में वित्त विभाग को कलेक्टर ने लगातार निर्देश भी दिए जा रहे थे। बावजूद इसके आधे से अधिक कर्मचारियों की जानकारी अपडेट नहीं हो सकी है।
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मामले में वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में जानकारी और एसएस प्रोफाइल डेटाबेस में दर्ज ऑनलाइन जानकारी में एकरूपता होना आवश्यक है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उनके वेतन को रोका जाएगा। बता दे कि राज्य शासन द्वारा एसएस प्रोफाइल अपडेट करवाने की विषय एक बड़ा कारण है।
दरअसल अधिकारी कर्मचारी के जानकारी होने की स्थिति में उनके रिटायरमेंट के बाद उनके पेंशन संबंधी मामलों का निराकरण तेजी से किया जा सकता है। ऐसा नहीं होने की स्थिति में Pension सहित अन्य मद को लेकर भिन्नता बनी रहती है। वही संबंधित अधिकारी कर्मचारी कर्मचारी ESS प्रोफाइल में जानकारी स्वयं के लॉगिन पासवर्ड से भी देख सकेंगे और उसमें अगर कुछ त्रुटि सुधार की आवश्यकता है तो संबंधित कर्मचारी कार्यालय प्रमुख के लॉग इन आईडी से उसमें सुधार भी करा सकेंगे।
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वही आंकड़ों की माने तो मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक प्रदेश के 51 फीसद अधिकारी कर्मचारियों द्वारा डेटाबेस अपडेट नहीं किया गया है। इस मामले में विंध्याचल में जहां 42% कर्मचारियों का Data अपडेट नहीं हुआ है। वही भोपाल में यह आंकड़ा 39 फीसद है। इस मामले में सबसे खराब परफॉर्मेंस सीधी का है। सीधी में अब तक केवल 13 फीसद कर्मचारियों द्वारा अपनी प्रोफाइल को अपडेट किया गया है। ESS डेटाबेस अपडेट करने में स्कूल शिक्षा विभाग महिला बाल विकास विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग सबसे पीछे चल रहे हैं।
बता दें कि इस सॉफ्टवेयर में कर्मचारी की जानकारी अपडेट होते उन्हें मेडिकल बीमा का भी लाभ मिलेगा। इस के जरिए उन्हें पांच से ₹10 लाख रूपए बीमा की राशि का लाभ दिया जा सकेगा। जिसमें कर्मचारियों के परिवार भी शामिल रहेंगे। साथ ही डाटा अपडेट होने के बाद सिंगल क्लिक के माध्यम से कर्मचारियों के वेतन संबंधी और पेंशन संबंधी कार्य पूर्ण होंगे।
मामले में कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर के आने से कार्य डिजिटल होगा। डेटाबेस अपडेट होने की स्थिति में कर्मचारियों के पे फिक्सेशन सहित सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सुविधा संकल्प के माध्यम से उन्हें उपलब्ध हो सकेगी। वहीं कुछ कर्मचारी इस मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसकी वजह से डाटा अपडेट करने में काफी देरी का सामना करना पड़ रहा है।