भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश शासन (MP Government) द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (public distribution system) के तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को उनकी पात्रता अनुसार राशन (ration) प्रदान कराने की व्यवस्था की गई है। वही अब इस व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा नई व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसके लिए नियम भी तैयार कर ली गई है। वहीं सभी जिले में इसे जल्दी लागू कर दिया जाएगा।
फिलहाल कुछ जिलों में यह लागू किया जा चुका है। आर्थिक राजधानी इंदौर में उचित मूल्य की दुकान से हितग्राही को राशन के सामान मिलने के बाद उनके मोबाइल पर तत्काल एक SMS प्राप्त होंगे। जिसमें जानकारी दी जाएगी कि उनके खाते में राशन उपलब्ध कराए जा चुके हैं। ऐसे ना सिर्फ राशन विक्रेता की पारदर्शिता बनी रहेगी बल्कि हितग्राही भी राशन सामग्री की मात्रा और विक्रेता द्वारा दी गई। राशन मात्रा का मिलान कर अपनी वास्तविक सामग्री प्राप्त करने में सक्षम हो पाएंगे। बता दें कि लगातार उचित मूल्य की दुकानों से हितग्राहियों को कम सामग्री देने के साथ ही भ्रष्टाचार के कई आरोप राशन विक्रेताओं पर लग चुके हैं।
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इसके साथ ही राशन विक्रेताओं द्वारा हितग्राहियों को उनके मात्रा से कम अनाज उपलब्ध कराए जाते हैं। बीते दिनों इस मामले में शिकायत के बाद सीएम शिवराज ने बड़ा एक्शन लेते हुए भरे मंच से एक अधिकारी को सस्पेंड भी किया था। जिसके बाद इस नियम के तैयार होने के साथ ही पूरा डाटा बेस तैयार होगा और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक रोक भी लगाई जाएगी। राज्य शासन द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि हितग्राहियों के डेटाबेस को तैयार करने के लिए परिवार के कम से कम एक सदस्य के सही मोबाइल नंबर उचित मूल्य की दुकान विक्रेताओं को अवश्य उपलब्ध करें।
राज्य शासन ने अपील की है कि जल्द ही हितग्राही अपनी सभी सदस्यों के ईकेवाईसी निकटतम उचित मूल्य दुकान विक्रेता से करें। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र परिवारों के सदस्य को हर महीने बाय मेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब और जरूरतमंद हितग्राही अपनी पात्रता अनुसार राज्य शासन के राशन प्रदाय व्यवस्था का लाभ लेते हैं। मध्यप्रदेश में लाखों ऐसे हितग्राही हैं, जिन्हें उचित मूल्य की दुकान से राशन प्रदाय व्यवस्था के तहत राशन उपलब्ध कराए जाते हैं।