सीएम शिवराज आज संविदाकर्मियों को दे सकते है बड़ी सौगात, भोपाल में महापंचायत, वेतनवृद्धि-नियमितिकरण पर ऐलान संभव

Pooja Khodani
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MP Samvida karmchari : आगामी विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश की शिवराज सरकार हर वर्ग को साधने में जुटी है, खास करके कर्मचारियों पर विशेष फोकस बना हुआ है। सरकारी कर्मचारियों को 4% डीए वृद्धि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतनवृद्धि और रोजगार सहायकों के पंचायत सचिव बनने का अवसर देने के बाद अब शिवराज सरकार एमपी के संविदा कर्मियों को सौगात देने की तैयारी में है।

सीएम कर सकते है बड़ी घोषणा

दरअसल, आज मंगलवार को संविदा कर्मियों की नाराजगी के बीच सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों का  सम्मेलन बुलाया गया है,  जिसमें सीएम लंबित मांगों को लेकर कोई घोषणा कर सकते हैं। ।इसमें प्रदेशभर से हजारों संविदा कर्मियों के शामिल होने की उम्मीद है।वर्तमान में एमपी के अलग-अलग विभागों में 2.30 लाख के आसपास संविदा कर्मचारी कार्यरत है, जो  नियमितीकरण समेत अन्य मांगों को लेकर कई बार सरकार के खिलाफ खोल मोर्चा चुके हैं ।

इन मांगों को लेकर हो सकता है बड़ा ऐलान

संभावना जताई जा रही है कि सीएम शिवराज आज सम्मेलन में संविदा कर्मचारी को 90 प्रतिशत के स्थान पर सौ प्रतिशत वेतन देने और सीधी भर्ती के पदों में कोटा 20 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का ऐलान कर सकते है।इससे पहले रविवार को ही सामान्य वर्ग आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे और कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा के साथ संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।

कर्मचारियों को मांगे पूरी होने की उम्मीद

मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण सकारात्मक है, इसलिए पूरी उम्मीद है कि संविदाकर्मियों की लंबित मांगें पूरी होंगी। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह भदौरिया ने सभी संविदा कर्मचारियों को महापंचायत में शामिल होने के लिए आह्वान किया है। आमंत्रण पत्र जारी कर उन्होंने कहा है कि बड़े हर्ष के साथ सूचित किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के लाडले एवं यशवस्वी मुख्यमंत्री ने संविदा को मुक्त करने का जो संकल्प लिया था आज वह समय आ गया है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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