Narottam Mishra sarcasm on Kamal Nath : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर तंज कसते हुए कहा है कि जिनकी निगाहों में राहुल गांधी जी की कोई कीमत ना हो वह विधायकों की कीमत क्या आकेंगे। कमलनाथ ने एक दिन पहले कहा था कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में है, लेकिन विधायकों की कोई कीमत नहीं। इसपर पलटवार करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि ये उनका अहंकार बोल रहा है। उन्होने कहा कि कमलनाथ जी इमरजेंसी के एक्सीडेंट से निकले हैं, इसलिए लोकतंत्र के मंदिर जहां जनता चुनकर विधायकों को भेजती है यह उस जनता का अपमान है। कोई कीमत नहीं है..ये कहकर कमलनाथ जी जनता जनार्दन का अपमान कर रहे हैं।
लाडली बहना योजना के बारे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये बहुत ही अच्छी योजना है और अभी तक 47 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। माना जा रहा है कि आज दोपहर तक यह आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा और आने वाले दिनों में इस योजना के बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे। कमलनाथ के विधानसभा चुनाव में 3 महीने पहले विधायकों को टिकट देने की बात पर गृह मंत्री ने कहा कि कमलनाथ जी ने विधायकों की बैठक आयोजित की है और 70 से अधिक सीटों पर 6 महीने पहले ही उम्मीदवार घोषित करने की बात कही है।लेकिन वो सिर्फ बैठक ही कर सकते हैं, और कुछ नहीं। इनकी बाकी की बैठकों का जो हश्र हुआ, वही इसका भी होगा। पंडोखर सरकार को मिली धमकी को लेकर उन्होने कहा कि महाराज जी की पूरी चिंता है और पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
वहीं एक बार फिर उन्होने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि वैश्विक नेता की लिस्ट में ग्लोबल लीडर के तौर पर मोदी जी को सूची में 76 फीसदी अंक मिले हैं। ये हम सब के लिए गौरव की बात है। बाकी देशों के जो प्रधानमंत्री हैं कितने पीछे और मोदी जी कितने आगे हैं, ये भारत माता के हर एक सपूत के लिए अच्छी खबर है। हमारे शीर्ष के नेतृत्व इतना योग्य है कि वैश्विक पटल पर उनका नाम चल रहा है। इधर बिहार में नीतीश कुमार का इफ्तार पार्टी में जाने का वीडियो आने पर बोले गृह मंत्री ने तंज कसा कि उन्हें इफ्तार में जाने की नौटंकी बंद करनी चाहिए मैं उनसे यही कहूंगा। पूरे बिहार में उन्होंने दंगों को प्रश्रय दिया, गला लगाकर पीठ में छुरा भोकने का ये स्वांग है। अगर नीतीश कुमार जी को देखना है कि समरसता क्या होती है तो मध्यप्रदेश में आओ, देखो और सीखो। राम नवमी के अवसर पर यहां फूल बरसते हैं। आपकी तरह नहीं कि दंगाइयों को बढ़ावा मिले।