MP News : बिरसा मुंडा जयंती पर आज लागू होगा पेसा एक्ट, जानिये महत्वपूर्ण बातें

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti)। मध्य प्रदेश में वृहद स्तर पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जा रहा है और महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं। आज ही सरकार प्रदेश में पेसा एक्ट (PESA ACT) लागू करने जा रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने काफी पहले पेसा एक्ट लागू करने की घोषणा की थी। आदिवासी समाज को इस एक्ट के लागू होने से बहुत लाभ होगा। पेसा एक्ट 24 अप्रैल 1996 को बनाया गया था। देश के 10 राज्यों में यह कानून पहले से लागू है।

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पेसा अधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिये अधिनियमित किया गया था। जनजातीय समाज व अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के पास अधिक अधिकार होंगे। उन्हें ग्राम सभाओं में काम करने का अधिकार मिलेगा। ग्राम सभाओं के माध्यम से जनजाती क्षेत्र के नागरिकों के लिए स्वशासन सुनिश्चित होगा। ग्राम सभाओं द्वारा विकास योजनाओं और सामाजिक क्षेत्र को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करता है। ये एक्ट जनजातीय समाज को अपनी प्रणाली के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है।

पेसा एक्ट के अंतर्गत ग्राम सभा में एक ग्राम समिति होगी। उस समिति का अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति समुदाय का व्यक्ति होगा एवं ग्राम के महत्वपूर्ण निर्णय ग्राम समिति द्वारा लिए जाएंगे। पेसा एक्ट में ग्राम सभा समिति ग्राम की समस्याओं को सीधे राज्य सरकार के समक्ष भेज सकती है। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी जनजातीय समुदाय के लोगों से ग्राम साहूकार बंधक मजदूरी नहीं करवा सकते हैं। पेसा एक्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायत में होने वाले विकास, अनुसूचित जनजाति समुदाय की भूमि का संरक्षण करना, ग्राम में नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाना, पलायन करने वाले जनजाति समुदाय के व्यक्ति की जानकारी रखना आदि सभी अधिकार ग्राम सभा समिति के पास होंगे।

सीएम शिवराज ने पेसा एक्ट के बारे में ट्वीट करते हुए कहा है कि इससे आदिवासी समाज को जल, जंगल और जमीन के संसाधनों पर समान अधिकार मिलेगा। प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को वापस दिलाएगा। पेसा एक्ट में जनजातीय समाज को मिलने वाले अधिकारों से उनकी सांस्कृति परंपराओं के संरक्षण में मदद मिलेगी। प्रदेश में आदिवासी समाज लंबे समय से इसके लागू होने का इंतजार कर रहा था और आज ये इंतजार खत्म हो रहा है। इस एक्ट से आदिवासी समाज की परंपराओं, संस्कृति, रीति रिवाज, संसाधन आदि का संरक्षण होगा और उन्हें अधिक अधिकार मिलेंगे।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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