मप्र पंचायत चुनाव: जिलेवार प्रेक्षकों की नियुक्ति, ये जानकारी देना अनिवार्य, कलेक्टर को भी जिम्मेदारी

पंचायत चुनावों

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2021-22) में ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी सियासत के बीच जिले स्तर पर तैयारियों का दौर तेजी से चल रहा है।एक तरफ मप्र सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर मंथन में जुटी है वही दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक दल की ओर से चक्रानुक्रम आधार पर चुनाव न कराने, परिसीमन निरस्त करने और OBC आरक्षण को लेकर स्थगन सूचना मप्र विधानसभा को दी गई है। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने मुद्रण और प्रकाशन की जानकारी अनिवार्य किया है और जिलेवार अधिकारियों की नियुक्ति का भी सिलसिला जारी है।

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पंचायत चुनाव 2021-22 के निर्वाचन की घोषणा उपरांत आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार निर्वाचन पम्पलेटो, पोस्टरों आदि के मुद्रण एवं प्रकाशन को प्रतिबंधित करते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-27 क के उपबंधों द्वारा विनियमित किया गया है। समस्त मुद्रणालय एवं उनके स्वामियों तथा प्रकाशको को आदेश प्रसारित किए है कि किसी भी पम्पलेट या पोस्टर मुद्रण, मुद्रित सामग्री पर मुद्रक तथा प्रकाशकों के नाम व पते का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाए।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)