भोपाल। विधानसभा में स्पीकर के चुनाव में भाजपा ने वोटिंग की पूरी तैयारी कर ली, लेकिन भाजपा सदन में संसदीय दांव-पेंच में ही उलझ गई। जिसकी वजह से विपक्ष स्पीकर के प्रत्याशी के नाम प्रस्ताव ही पेश नहीं कर पाई। विपक्ष स्पीकर के लिए शुरू से मतदान की मांग पर अड़ा था, लेकिन जैसे ही विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाकर सदन से बहिर्गमन किया। उसी दौरान नियमों का हवाल देकर स्पीकर के लिए मतदान करा लिया। इस पूरी रणनीति के पीछे विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव ईसरानी की अहम भूमिका है।
दरअसल सत्ता पक्ष को पहले से ही अंदाजा था कि स्पीकर के मतदान के दौरान विधानसभा सचिवालय के कुछ अफसरों की विपक्ष से मिलीभगत है। यही वजह रही कि संसदीय दांव-पेंच से निपटने के लिए सत्ता पक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव ईसरानी को सदन अधिकारी दीर्घा में बुला लिया था। ईसरानी की प्लानिंग की वजह से ही भाजपा स्पीकर का चुनाव कराने की रणनीति में फेल हो गया।
सरकार में हो सकते हैं एडजस्ट!
विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव ईसरानी संसदीय कार्य विभाग में ओएसडी नियुक्त हो सकते हैं। प्रशासनिक सूत्रों से खबर है कि उनके नाम की नोटशीट चला दी गई है। जो फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में है। बताया गया कि ईसरानी को संसदीय कार्यमंत्री डॉ गोविंद सिंह विधानसभा में लाना चाहते हैं। यदि विधानसभा में उन्हें संविदा नियुक्ति नहीं मिली तो फिर संसदीय कार्य विभाग में नियुक्ति मिलना तय है। उल्लेखनीय है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में ईसरानी को संविदा नियुक्ति की प्रक्रिया चली थी।