तिरंगे की सालगिरह, 75 साल का हुआ राष्ट्रीय ध्वज, आज ही के दिन अपनाया गया था

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम को सफल बनाने की अपील की है। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर आग्रह किया है कि 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों में राष्ट्रध्वज (National Flag) जरूर फहराएं। इसी बीच आज हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अपनी 75वीं सालगिरह मना रहा है। आज राष्ट्रीय ध्वज अंगीकरण दिवस (National Flag Tiranga Adoption Day) है। आज ही के दिन तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। तिरंगे की सालगिरह पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।

22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक में पहली बार तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। इसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी है जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है। बीच में श्वेत पट्टी का अर्थ धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है। आखिरी पट्टी गहरे हरे रंग की है जो देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ आरे होते हैं। यह इस बात प्रतीक है भारत निरंतर प्रगतिशील है।

तिरंगा फहराने के कुछ नियम है। हमारे देश में भारतीय ध्वज संहिता (Flag code of India ) नाम का एक कानून है, जिसमें इन नियमों को बताया गया है। किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए। तिरंगे को किसी की पीठ की तरफ नहीं फहरा सकते हैं। इसपर कुछ भी लिखना, बनाना या विलोपित करना गैरकानूनी है। इसे किसी भी वस्तु या इमारत को ढंकने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। किसी भी गाड़ी, बोट या प्लेन के पीछे तिरंगा नहीं लगाया जा सकता। किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन के नहीं छूना चाहिए, ये इसका अपमान है। तिरंगे के किसी प्रकार की यूनिफॉर्म या सजावट में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख सकते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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