राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस आज, सीएम डॉ. मोहन यादव ने किया प्रदूषण मुक्त भारत बनाने में सहभागी बनने का आह्वान

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हर साल 2 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य प्रदूषण के खतरों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। विभिन्न सेमिनार, रैलियां और वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से लोगों को प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह दिन हमें स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है।

National Pollution Control Day

National Pollution Control Day : आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस है।। हर साल 2 दिसंबर को ये दिन पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर करने, प्रदूषण के खतरों के प्रति जागरूकता फैलाने और इसे नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदमों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। ये दिन 1984 में भोपाल गैस त्रासदी की विभीषिका से जुड़ा हुआ है, जो औद्योगिक प्रदूषण की गंभीरता और उसके प्रभाव को दर्शाता है।

आज के दिन सीएम डॉ मोहन यादव ने सभी से प्रदूषण दूर करने के लिए सहभागी बनने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि ‘राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस जागरूक करता है कि हम सभी एकजुट होकर प्रदूषण के कारकों को कम करें, साथ ही व्यापक पौधरोपण के माध्यम से प्रदूषण मुक्त भारत की लक्ष्य प्राप्ति में सहभागी बनें। आइए, आगामी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुंदर एवं सुरक्षित पृथ्वी सौंपने के लिए आगे बढ़ें।’

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस

2-3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल कभी भुला नहीं सकता। इस रात यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ, जिससे हजारों लोगों की मौत हो गई थी और इसका असर प्रभावितों की अगली पीढ़ियों तक भी पहुंचा। इस त्रासदी को भारत ही नहीं, दुनिया भर की सबसे भयावह औद्योगिक आपदा मे शामिल किया गया है।इसमें सैंकड़ों लोगों ने अपनी जान गँवाई,  लाखों लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हुए और कई पीढ़ियां प्रभावित हुईं। यह दिन उन पीड़ितों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने इस आपदा में अपना जीवन खो दिया।

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का महत्व

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य सिर्फ भोपाल त्रासदी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना भर नहीं है, बल्कि वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण को रोकने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना भी है। यह दिन विभिन्न स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाने, पर्यावरणीय कानूनों को मजबूत करने और औद्योगिक सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। हम सब देख रहे हैं कि कैसे इस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है। वर्तमान में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई क्षेत्रों में “बहुत खराब” और “खतरनाक” स्तर तक पहुंच गया। अधिकांश क्षेत्रों में AQI 300 से ऊपर है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि लंबे समय तक वायु प्रदूषण के संपर्क में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, यहां तक कि उन लोगों में भी जो धूम्रपान नहीं करते। यह सभी के लिए चिंताजनक है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां वायु गुणवत्ता खराब है। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि गैर-धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है और इसका मुख्य कारण वायु प्रदूषण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद हानिकारक तत्व जैसे सूक्ष्म कण (PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, न सिर्फ श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं। विशेषज्ञ भारत के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग, वाहनों के उत्सर्जन में कमी और औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण जैसे कदम आवश्यक हैं ताकि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को रोका जा सके। यह चेतावनी हमें इस बात पर जोर देती है कि पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

कैसे मनाया जाता है ये दिन

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर्यावरण संरक्षण के महत्व और प्रदूषण के खतरों को लेकर शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। सेमिनार, वर्कशॉप और पैनल डिस्कशन आयोजित किए जाते हैं जिसमें विशेषज्ञ पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा करते हैं। कई स्थानों पर स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण पर जोर देने के लिए रैलियों और प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। पेड़ लगाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते हैं, क्योंकि वृक्षारोपण वायु प्रदूषण कम करने में बेहद मदद करता है। सार्वजनिक स्थलों, नदियों और पार्कों की सफाई के लिए विशेष स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं। कचरे को सही तरीके से नष्ट करने और पुनर्चक्रण पर ध्यान दिया जाता है।

आज के दिन सोशल मीडिया पर #NationalPollutionControlDay और #SayNoToPollution जैसे हैशटैग ट्रेंड करते हैं।वीडियो, पोस्ट और मेसेज के जरिए जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन, उद्योग और फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करने पर जोर दिया जाता है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हमें प्रदूषण के कारण होने वाले विनाशकारी प्रभावों से सचेत रहने और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है। यह दिवस सभी के लिए एक आह्वान है कि हम स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण की दिशा में सार्थक कदम उठाएं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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