भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) लगातार शिक्षा (Education) का स्तर सुधारने में जुटी है। यही कारण है कि इस बार का सबसे ज्यादा बजट 25,953 करोड़ रुपए स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) को दिया गया। सरकार की मंशा है कि शासकीय (Government School) में भी निजी स्कूलों (Private school) जैसी पढ़ाई हो। इसी कड़ी में शिक्षकों (Teacher) को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Indar Singh Parmar) का बड़ा बयान सामने आया है।
MP News: छात्रों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा ऐलान, निर्देश जारी
आज “शिक्षक शिक्षा” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में पहुंचे ने कहा कि स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Indar Singh Parmar) देशभर के विद्वान, विश्वविद्यालय(College) के कुलपति अलग अलग सत्रों में अपना मार्गदर्शन देंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक-शिक्षा के ऊपर व्यापक मंथन और चिंतन किया जाएगा। संगोष्ठी के दौरान प्राप्त सिफारिशों को मध्य प्रदेश की शिक्षा (Education) व्यवस्था में लागू करने का प्रयास किया जाएगा। खास बात इस संगोष्ठी में पिछली कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) की तरह शिक्षकों को विदेश नहीं भेजा जाएगा बल्कि भोपाल में ही शिक्षकों की क्लास लगाई जाएगी और उसमें देशभर से शिक्षक नई नीतियों और विचारों को रखेंगे।
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मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सतत प्रयास कर रहा है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था भारत केंद्रित, गुणवत्तापूर्ण और ज्ञान आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और एनसीटीई के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। इस मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा।
इन विश्वविद्यालयों के शिक्षक रहेंगे मौजूद
यह कार्यक्रम को विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान मध्यप्रदेश और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा किया जा रहा है। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा रहेंगे। दोनों दिनों तक पैनल चर्चा, विशेषज्ञों की बातचीत, केस स्टडी और बेस्ट प्रैक्टिसेज होगा। इसके बाद नया मैटर तैयार किया जाएगा।