भोपाल| विधानसभा का शीतकालीन सत्र समय से पहले ही समापत हो गया| सत्र के चौथे दिन भारी हंगामे के बीच बालाघाट जिले की विधायक हिना कांवरे मध्यप्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष चुन ली गईं। सत्ता परिवर्तन के बाद पहले ही सत्र में सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच कड़वाहट देखने को मिली | इस दौरान दोनों ही तरफ से आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है| इस बीच विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विशेषाधिकार भंग की सूचना दी गई है।
विशेषाधिकार भंग की सूचना में कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष को डॉन कहा है| इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कांग्रेस विधायक विक्रम सिंह नाती राजा, बसपा के संजीव संजू और सपा के राजेश शुक्ला ने शिवराज के खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार भंग की सूचना दी है|
दरअसल, सत्र के चौथे दिन सदन में भार गहमा गहमी देखने को मिली और हंगामा इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी विपक्ष के पास जाना पड़ा| इस दौरान आसंदी का घेराव करते हुए विपक्ष ने जमकर नारेबाजी भी की| शिवराज ने विधानसभा अध्यक्ष पर कई आरोप भी लगाए| विपक्ष के भारी शोर शराबे के बीच स्पीकर एनपी प्रजापति ने कांग्रेस प्रत्याशी हिना कांवरे का प्रस्ताव पढ़ा लेकिन उन्होंने भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार ही नहीं किया। साथ ही उन्होंने कांवरे को उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी। इसी के साथ मप्र विधानसभा के इतिहास में ये पहला मौका है जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही एक ही पार्टी के हैं।
नेता प्रतिपक्ष की सीट पर बैठे शिवराज
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में पारित हुए सामान्य वर्ग के आरक्षण बिल पर धन्यवाद ज्ञापित करना शुरू कर दिया। इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने शिवराज सिंह से कहा कि आप बिना अनुमति के कुछ नहीं बोल सकते। इस पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वहीं इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने शिवराज सिंह की बैठने की जगह पर भी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने अध्यक्ष से कहा कि शिवराज नेता प्रतिपक्ष की जगह पर बैठे थे और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव उनकी बगल में बैठे हुए थे। कांग्रेस विधायकों के हंगामे के बाद दोनों ने अपनी जगह बदली।