भोपाल। विधानसभा चुनाव में हार के बाद से भाजपा नेताओं के बीच अंदरूनी तौर पर फूट रही गुटबाजी लोकसभा चुनाव से पहले सड़क पर आती दिख रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा को ज्यादा नुकसान होता देख संघ खुद का गढ़ बचाने के लिए मैदान में उतर आया है। अब भोपाल, विदिशा, इंदौर, बालाघाट, गुना, ग्वालियर, धार, राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से टिकट तय होने में संघ का दखल रहेगा। संघ की पूरी कोशिश रहेगी कि लंबे समय से भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर दमदार प्रत्याशी उतारे जाएं,जिससे गढ़ पर कब्जा बरकरार रहे। इसके लिए संघ कार्यकर्ताओं की टोली चुनाव में प्रचार-प्रसार की कमान संभालने को तैयार हैं।
भाजपा में मप्र की शेष 14 लोकसभा सीटों को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक कई बार मंथन हो चुका है, लेकिन पार्टी हाईकमान अभी प्रत्याशी भी तय नहीं कर पाया है। यही वजह है कि संघ को दखल देना पड़ा है। संघ के सह सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी का अचानक भोपाल आना और भाजपा नेताओं से बंदनुमा कमरे में मुलाकात करना लोकसभा चुनाव को लेकर संघ की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि संघ की ओर से मप्र भाजपा के नेताओं से तल्ख लहजे में कहा गया है कि भोपाल, विदिशा, राजगढ़ और इंदौर लोकसभा सीट पर हर हाल में भाजपा का कब्जा बरकरार रहना चाहिए। बताया गया कि संघ की ओर से भाजपा हाईकमान को मप्र की लोकसभा सीटों को लेकर जमीनी फीडबैक दिया गया है। जिसके आधार पर शेष सीटों पर प्रत्याशियों का नाम तय होना है।
इसलिए सामने आया संघ
आमतौर पर भाजपा की चुनावी रणनीति में संघ खुलकर सामने नहीं आता है। संघ पर्दे के पीछे रहकर भाजपा का चुनाव में सहयोग करता है। लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से भोपाल में दिग्विजय सिंह को उताकर भाजपा को परेशानी में डाल दिया है और शेष सीटों को लेकर भी कांगे्रस की यही रणनीति है। ऐसे में संघ को अपना गढ़ बचाने के लिए भाजपा की चुनावी रणनीति में दखल देने के लिए सामने आना पड़ा है। हालांकि संघ ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी मालवा-निमाड ़ और मध्य-भारत प्रांत की सीटों पर भाजपा के समर्थन में कार्यकर्ताओं को उतारा था।