भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही बहुत कुछ बदल रहा है। पूर्व मंत्री और विधायक अपने आवास खाली कर रहे हैं। कुछ ने सरकार से आवास खाली करने की मोहलत मांगी है। कांग्रेस सत्ता में 15 साल बाद लौटी है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को एक महीना भी हो गया है लेकिन कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक ‘बेघर’ हैं। दरअसल, बीते नौ माह से बंगले का इंतजार कर रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह का बंगला पसंद आया है, लेकिन आवंटन अटका है।
सिंधिया ने बंगले के लिए बीजेपी की सरकार के समय से आवेदन दे रखा है। गुना सांसद को बीजेपी की सरकार में बंगले का आवंटन नहीं किया गया अब जब उनकी ही पार्टी की सरकार सत्ता में है तो भी उनको बंगला आवंटित होने में देरी हो रही है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को बंगले आवंटित किये थे। उस समय यह खबर भी आई थी कि सिंधिया को भी सरकारी आवास सरकार ने आवंटित कर दिया है।
सिंधिया ने पूर्व गृह मंत्री के बंगले पर अपनी पसंद जाहिर की थी। और इस बात की खबर मिली थी की सरकार ने उन्हें वहीं बंगला आवंटित कर दिया है। लेकिन अब तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। हालांकि, पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह का बंगला अभी ततक किसी मंत्री को नहीं दिया गया है। क्योंकि उनका बंगला किसी को अभी तक आवंटित नहीं हुआ है इसलिए उन्होंने बंगला खाली नहीं किया है। सिंधिया ने बंगले के लिए अपनी इच्छा जाहिर की थी। क्योंकि पार्टी के काम के लिए उनके दौरे राजधानी लगते रहते हैं। प्रदेश सरकार में सिंधिया समर्थित आठ मंत्री हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सरकारी बंगले आवंटित करने की एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि सिंधिया ने सिंह के बंगले पर पसंद जाहिर की थी। उन्हें जल्द ही वह बंगला आवंटित कर दिया जाएगा। गृह विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने कहा कि सिंधिया का आवेदन प्राप्त हो गया है और अभी प्रक्रिया में है।