भोपाल। मध्य प्रदेश के शहडोल लोकसभा से वर्तमान सांसद ज्ञान सिंह ने टिकट कटने के बाद पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंंने मीडिया से चर्चा के दौरान निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंंने कहा कि 2016 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जिस कांग्रेस उम्मीदवार को हराया पार्टी ने उसी को मेरा टिकट काटकर प्रत्याशी घोषित किया है। इसलिए मैं अब निर्दलीय चुनाव लड़ूेंगा।
दरअसल, शहडोल लोकसभा से उपचुनाव में कांग्रेस ने हिमाद्री सिंह को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन बीजेपी के ज्ञान सिंह वह चुनाव हार गईं थी। हालांकि, हार का अंतर काफी कम था। शहडोल लोकसभा में ज्ञान सिंह की निषक्रियता के कारण स्थानीय लोगों में उनके खिलाफ आक्रोश था। संघ के सर्वे में उनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं बताई गई थी। बीजेपी की पहली लिस्ट में शहडोल से कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुईं हिमाद्री सिंह को टिकट दिया गया। इस बात से ज्ञान सिंह काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि उन्होंने जिसे हराया पार्टी ने उसे मेरा टिकट काट कर उम्मीदवार बना दिया। बता दें, हिमाद्रि ने सितंबर, 2017 में भाजपा नेता नरेंद्र मरावी के साथ विवाह रचाया। अब उन्होंने ससुराल के सदस्यों की पार्टी भाजपा में प्रवेश कर लिया है।
हिमाद्रि ने कहा कि उसके पति और चचिया ससुर भाजपा के नेता हैं। जब उसकी ससुराल के लोग भाजपा में हैं तो वह भी इस दल में शामिल हो गई हैं। यह बात अलग है कि हिमाद्रि ने विवाह के समय कहा था कि कुछ भी हो जाए, कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी, राजनीति कभी भी वैवाहिक जिंदगी के बीच नहीं आएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि हिमाद्रि का दलबदल कोई विचारधारा का मामला नहीं है। यह तो पूरी तरह राजनीतिक व्यावसायिकता है। हिमाद्रि को आचार्य कृपलानी और उनकी पत्नी के बारे में भी जानना चाहिए, जो रहे तो एक साथ, मगर अलग-अलग झंडे लहराया।