भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सरकार निगम, मंडल, आयोग और प्राधिकरण में जल्द नियुक्तियां करने जा रही है। इसी सप्ताह से इसकी शुरुआत हो सकती है। साल भर से नियुक्ति की बाट जोह रहे सिंधिया समर्थकों को इसमें वरीयता दी जाएगी।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के लिए कुएं में कूद जाने की कसम खाने वाली प्रदेश की पूर्व मंत्री इमरती देवी का जल्द राजनीतिक पुर्नवास होगा। दरअसल कमलनाथ सरकार में महिला बाल विकास मंत्री रही इमरती ने सिंधिया के इशारे पर कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था, लेकिन उपचुनाव में वे हार गई थीं। तब से अब तक वह अपनी नियुक्ति के लिए बाट जोह रही हैं। सिंधिया समर्थक करीब आधा दर्जन ऐसे विधायक और भी हैं जो चुनाव हारने की वजह से विधायकी तक गंवा बैठे। इन सब को भी निगम, मंडल, आयोग में सैट किया जा सकता है।
यह माना जा रहा है कि रविवार को सत्ता और संगठन की अहम बैठक में सिंधिया समर्थकों को निगम, मंडल, आयोग व प्राधिकरण में नियुक्ति देने पर सहमति बन गई है। 10 घंटे तक चली इस मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन महामंत्री हितानंद मौजूद रहे। इस बैठक में तय किया गया कि इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, रक्षा सिरोनिया, मनोज चौधरी, सिंधिया के एक और कट्टर समर्थक पंकज चतुर्वेदी के साथ-साथ कुछ निर्दलीय विधायकों को भी निगम मंडल व प्राधिकरण में स्थान दिया जाए। इसके साथ-साथ एन्दल सिंह कंसाना, रघुराज सिंह कंसाना और रणवीर जाटव को भी नियुक्ति देने पर मुहर लग गई है। संगठन में भी अभी मोर्चो की टीम, प्रवक्ता पैनिलिस्ट, प्रकोष्ठ के रिक्त पदों पर नाम खाली हैं जिन्हें तय कर मोहर लगा दी गई है। हालांकि बीजेपी में भी कई लोग अभी राजनीतिक पुनर्वास तलाश रहे हैं लेकिन फिलहाल सिंधिया समर्थकों को ही वरीयता दिया जाना तय किया गया है।