भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र (MP) में सोमवार से मानसून सत्र शुरू हो गया है। और उस से पहले रविवार को ही विधानसभा (MP Assembly) में पप्पू, मूर्ख, चोर, बेशर्म जैसे 1560 शब्दों पर रोक लगा दी गई है। जिसके लिए विधानसभा सचिवालय ने 40 पन्नों की पुस्तिका तैयार की है। जिसमें ऐसे सभी शब्द हैं जिन्हें विधानसभा में माननीय द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। लेकिन बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा (BJP MLA Rameshwar Sharma) ने इसका विरोध किया है। और असंसदीय शब्दों की सूची से दो शब्द को हटाने की मांग की है।
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दिग्विजय सिंह पर कसा तंज
रामेश्वर शर्मा ने दिग्विजय (Digvijay Singh) पर तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह की 10 साल की मेहनत और परिश्रम के बाद मप्र की जनता ने उन्हें “बंटाधार” शब्द से नवाजा था। और अगर इस शब्द को अगर हम छीन लेंगे तो दिग्विजय सिंह सरकार की उपलब्धि ही खत्म हो जाएगी। और इसलिए ,मेने आपत्ति व्यक्त की है कि “बंटाधार शब्द” को विलोपित किए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना उचित होगा और उसे और असंसदीय ना बनाया जाए।
नक्सलवाद शब्द को लेकर बोले शर्मा
वहीं नक्सलवाद को लेकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि एक लड़ाई पूरा भारत लड़ रहा है। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद का प्रत्यक्ष दर्शी है। हमारे मध्य प्रदेश के भी कई जिले से लगे हुए हैं ।बिहार, झारखंड भी इस युद्ध में शामिल है। भारत मध्य प्रदेश/ छत्तीसगढ़ के कई सैनिक नक्सलवादी घटनाओं के कारण शहीद हुए हैं। भारत के मान सम्मान और जनता के लिए उन्होंने अपनी जान दी है। असंसदीय शब्दों की सूची में नक्सलवाद शब्द को भी रखा गया है। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को हमने पत्र लिखकर मांग की है कि एक बार पूरी पुस्तक पर पुनर्विचार की आवश्यकता है क्योंकि लोक व्यवहार, लोक वचन और लोग चरित्र को अगर हम और असंसदीय कर देंगे तो जनभानवाएं प्रकट होगी।
श्री दिग्विजय सिंह द्वारा 10 वर्षों के कठिन परिश्रम के बाद मध्यप्रदेश की जनता ने उन्हें बँटाधार शब्द से नबाज़ा है, उनकी उपलब्धि भरे “बँटाधार शब्द” को विलोपित किए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार किया जाना उचित होगा .
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— Rameshwar Sharma (मोदी का परिवार) (@rameshwar4111) August 9, 2021