भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 26-27 मार्च को पचमढ़ी में आयोजित की गई चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की समस्या (transportation problem in rural area) को देखते हुए प्रदेश में ग्रामीण परिवहन नीति (rural transport policy) बनाए जाने की बात कही थी। मुख्यमंत्री की मंशा और ग्रामीण क्षेत्र की जनता की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश की नई ग्रामीण परिवहन नीति गुरुवार को कैबिनेट में प्रस्तुत की गई। गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पचमढ़ी चिंतन में लिए गए निर्णय के अनुपालन में प्रदेश के परिवहन विभाग (Transport Department) ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण परिवहन नीति को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विदिशा से प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
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मीडिया को जानकारी देते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि ग्रामीण परिवहन नीति के तहत रुरल ट्रांसपोर्ट क्रेडिट माडल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है। श्री राजपूत ने बताया कि परिवहन विभाग ने अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान (Atal Bihari Vajpayee Institute of Good Governance), भोपाल के सहयोग से प्रदेश की ग्रामीण परिवहन नीति तैयार की है। श्री राजपूत ने बताया कि राज्य परिवहन की बसों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन की समस्याएं सामने आ रही थीं। ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले छोटे यात्री वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या देखने को मिल रही थी, इससे यात्री परेशान हो रहे थे। परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इस योजना के तहत ग्रामीण रास्तों पर चलने वाली यात्री बसों को मोटर यान कर में छूट प्रदान की जाएगी।
विदिशा मॉडल की सफलता के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। श्री राजपूत ने बताया कि इस योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट में एक ट्रायबल जिले को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मार्गों पर फिलहाल 20 सीटर क्षमता वाली छोटी बसों का संचालन किया जाएगा। श्री राजपूत ने बताया कि इन मार्गों में हमारी कनेक्टविटी इस तरह होगी कि जिस मार्ग से बड़ी बसों का संचालन होगा, उसी रोड से लगी हुई छोटी यात्री बसों का संचालन करते हुए उसके समय को बड़ी बस के समय के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रियों को ज्यादा देर तक यात्री बसों का इंतजार ना करना पड़े।
बस ऑपरेटरों को मिलेंगे क्रेडिट अंक :
परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि यात्री बसों के संचालन के लिए बस ऑपरेटरों को क्रेडिट अंक (credit number) प्रदान किए जाएंगे। जिसके तहत बस ऑपरेटरों को जितने क्रेडिट अंक प्राप्त होंगे, उसके आधार पर उस ऑपरेटर की साधारण मार्ग (Normal route) पर चल रही बसों पर मिले क्रेडिट अंक के तय अनुपात में, उस ऑपरेटर को मासिक मोटर कर यान (monthly motor tax vehicle) में भी थोड़ी राहत दी जाएगी। क्रेडिट अंक प्राप्त करने के लिए किसी भी आपरेटर को लगातार 6 महीने ग्रामीण क्षेत्र में बस चलानी होगी।