भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में बीते दिनों कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) आयोजित की गई थी। जिसमें करीबन 1 दर्जन से अधिक प्रस्ताव पर सहमति बनी थी। इस दौरान कैबिनेट के दो मंत्री (cabinet minister) आपस में उलझ गए। जिसके बाद सीएम शिवराज (CM Shivraj) को बीच-बचाव करते हुए मामले को शांत करवाना पड़ा।
दरअसल कैबिनेट की बैठक में जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर (pradyuman singh tomar) अपने विभाग का प्रजेंटेशन (presentation) दे रहे थे तो खेल मंत्री यशोधरा राजे (yasodhara raje) उन पर बिफर पड़ी। इस दौरान दोनों मंत्रियों में विवाद देखने को मिली।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश की जनता बिजली के बढ़ते और लगातार बिजली विभाग में अव्यवस्थाओं से परेशान है। जिस पर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि कार्यशैली को सही करने की जरूरत होती है। जिस पर मंत्रियों में बहस छिड़ गई। वहीं मुख्यमंत्री (chief minister) के हस्तक्षेप के बाद दोनो मंत्रियो का मामला शांत हुआ।
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कैबिनेट बैठक के ठीक बाद ही बिजली विभाग का प्रेजेंटेशन था 2 घंटे चलने वाले इस प्रेजेंटेशन में ऊर्जा मंत्री अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (govind singh rajput) और भूपेंद्र सिंह (bhupendra singh) द्वारा भी बिजली के बिल अधिक आने से जनता में नाराजगी की बात कही गई। मंत्रियों ने यह भी कहा कि सरकार जनता को करोड़ों रुपए का सब्सिडी (subsidy) दे रही है। बावजूद इसके इतनी अव्यवस्था का कारण समझ में नहीं आ रहा है। हालांकि यह पहला मामला नहीं है, जब यशोधरा राजे द्वारा किसी मंत्री और उनके विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए हैं। इससे पहले भी पिछली बैठक में उन्होंने ठेकेदारों को राहत देने वाली बात का विरोध किया था।
कैबिनेट की बैठक में ऊर्जा विभाग द्वारा प्रस्ताव लाया गया था कि किसानों को देने वाली सब्सिडी को कम कर दिया जाए। किसानों को अलग-अलग सोलर पंप, 5 हॉर्स पावर सप्लाई समेत कई चीजों पर सब्सिडी मिलती है। वहीं विभाग के इस प्रस्ताव पर कुछ मंत्री की सहमति थी तो कुछ मंत्रियों ने इस बात पर असहमति जाहिर की। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि बिल की रीडिंग हर महीने होनी चाहिए। मीटर की हर महीने जांच हो। जिससे जनता के बीच असंतोष ना फैले। वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने भी किसानों की सब्सिडी जारी रखने की बात कही। जबकि मंत्री इंदर सिंह परमार (indar singh parmar) का कहना था कि किसानों को अलग-अलग तरह की सब्सिडी है। इसे बेहतर तरीके से कम करने पर विचार किया जाना चाहिए। जिसके बाद बहस बढ़ गई थी।
हालांकि बीते दिन हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया। इस मामले में CM शिवराज ने कहा कि बिजली कंपनी सुधार और उपाय को शामिल करके बताये कि बिजली का नुकसान कम कैसे होगा। विभाग को अपनी कार्यशैली को सुधारने की आवश्यकता है। जरूरत पड़े तो कमिटी बनाएं।