भोपाल| लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने मध्य प्रदेश की 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है| अब शेष 14 सीटों पर पार्टी में मंथन चल रहा है| सोमवार को दिल्ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लम्बी चर्चा के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है| भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई सीटों पर पेंच फंस गया है| कांग्रेस से दिग्विजय सिंह को भोपाल से टिकट मिलने के बाद पार्टी असमंजस में आ गई है| कांग्रेस ने कठिन सीट बड़े चेहरे उतारने की रणनीति बनाई है, जिसके चलते बीजेपी को भी अपने ही गढ़ में दमदार प्रत्याशी की तलाश भारी पड़ रही है|
सोमवार को दिल्ली में प्रदेश भाजपा के नेताओं शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, संगठन महामंत्री सुहास भगत, विनय सहस्त्रबुद्धे की पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी व राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन के साथ लंबी चर्चा हुई। जैन को भोपाल, इंदौर, रतलाम, सागर, गुना-शिवपुरी, विदिशा और राजगढ़ लोकसभा सीटों पर प्रदेश नेतृत्व द्वारा तय किए गए नामों की सूची सौंपी गई। केन्द्रीय नेतृत्व ने महासचिव अनिल जैन को प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक कर इन सीटों पर सहमति बनाने को कहा है। अब एक-दो दिन में प्रदेश की सीटों पर फैसला हो सकता है।
प्रदेश की भोपाल, इंदौर, रतलाम, सागर, गुना-शिवपुरी, विदिशा और राजगढ़ लोकसभा सीटों पर पेंच फंसा हुआ है| इन सीटों पर कई दौर की चर्चा के बाद अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है| भोपाल में दिग्विजय के सामने शिवराज सिंह चौहान का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है| सूत्रों के मुताबिक भोपाल से दमदार चेहरा उतारने के चलते नरेंद्र तोमर को मुरैना से शिफ्ट किया जा सकता है| इस चर्चा के बाद शिवराज ने भी भोपाल से चुनाव लड़ने की सहमति दे दी है| अब फैसला हाई कमान को करना है| वहीं वीडी शर्मा का नाम केन्द्रीय नेताओं ने आगे बढ़ाया है। वहीं, संघ की पसंद हार्डकोर हिन्दूवादी नेता प्रज्ञा ठाकुर बताई जा रही हैं। इसके अलावा महापौर आलोक शर्मा का नाम भी आगे है| इंदौर से सुमित्रा महाजन को मन���ना भारी पड़ रहा है| अगर उनका टिकट कटता है तो उनकी जगह किसे उतारा जाए यह भी चुनौती है, अगर पार्टी सुमित्रा महाजन को टिकट देती है तो 75 साल के फॉर्मूले पर बाहर किए गए नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। विकल्प में विधायक मालिनी गौड़ का नाम आगे है। ग्वालियर में भाजपा कांग्रेस की घोषणा का इन्तजार कर रही है| भितरघात की आशंका के चलते तोमर ने अपनी सीट बदली है, जिसके बाद नए उम्मीदवार पर पेंच फंस गया है| ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी का नाम चर्चा में आने के बाद भाजपा चिंतित है। पार्टी जल्दबाजी में निर्णय नहीं करना चाहती है। वहीं मुरैना से टिकट कटने के बाद अनूप मिश्रा ने ग्वालियर से दावेदारी की है। पूर्व मंत्री मायासिंह के साथ ही महापौर विवेक शेजवलकर का नाम चर्चा में है|
इन तीन सीटों के बाद विदिशा भी बीजेपी का मजबूत गढ़ है| यहां कांग्रेस ने भी अब तक फैसला नहीं किया है| अगर यहां भी बड़ा चेहरा आता है तो बीजेपी को मजबूत प्रत्याशी उतारना होगा| पूर्व वित्त मंत्री राघव जी ने अपनी बेटी ज्योति की दावेदारी इस सीट के लिए दिल्ली में पेश की है। सुखप्रीत कौर ने भी केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर दावेदारी रखी है। पूर्व में शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह का नाम चर्चा में था, लेकिन केंद्रीय चुनाव समिति के क्राइटेरिया तय करने के बाद अब अन्य दावेदारों ने जोर लगाया है। इसी तरह बालाघाट के लिए पूर्व मंत्री ढाल सिंह बिसेन और पूर्व सांसद नीता पटेरिया ने भी दिल्ली में डेरा जमा लिया है। बालाघाट से मौजूदा सांसद बोध सिंह भगत का भी नाम दिया गया। कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने अपना पक्ष रखा है। इन सब खींचतान को देखते हुए प्रदेश के नेताओं ने अनिल जैन से चर्चा कर अंतिम निर्णय केंद्रीय चुनाव समिति पर छोड़ दिया है।