भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में शिवराज सरकार (shivraj government) ने अब स्वेच्छानुदान के मामले में विसंगतियों को दुरुस्त किया है। दरअसल विधानसभा अध्यक्ष (speaker of the Assembly) किसी मामले में किसी संस्था को अधिकतम 40 हजार रुपए तक की स्वेच्छानुदान (Voluntary grant) दे पाएंगे। बता दें कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष के लिए स्वेच्छानुदान की राशि 10 लाख रुपए तय की गई थी।
दरअसल मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य विभाग ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए किसी मामले अधिकतम 40 हजार और नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष के लिए किसी मामले में अधिकतम 20 हजार आर्थिक मदद सीमा तय की है। बता दें कि पहले इसके लिए कोई नियम नहीं थे। जिसके बाद कमलनाथ सरकार (kamalnath government) में इसके लिए नियम तय किए गए थे। वहीँ अब एक बार फिर से शिवराज सरकार ने इस नियम में संशोधन करते हुए राशि की सीमा तय की है।
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इतना ही नहीं नियम में संशोधन करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि सुरक्षा अनुदान की राशि एक ही महीने में पूरी तरह से खर्च ना हो। इसके लिए स्वेच्छानुदान समान अनुपात के रूप में मासिक आधार पर दिया जाएगा। जहां अध्यक्ष को 1 महीने में 16.66 लाख रुपए और नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष को 1 महीने में 8.33 लाख रुपए ही अनुदान की राशि दी जाएगी।
ज्ञात हो कि कमलनाथ सरकार में 16 मार्च 2020 को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति (NP Prajapati) ने स्वेच्छानुदान की राशि 10 लाख रुपए तय कर दी थी। वही नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए अधिकतम तय किए गए थे। जिसमें अब शिवराज सरकार ने संशोधन किया है। वहीं पिछले साल अध्यक्ष का स्वेच्छानुदान के लिए राशि को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ और नेता प्रतिपक्ष और उपाध्यक्ष का स्वेच्छानुदान 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ किया गया था।