भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP के कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) का बड़ा बयान सामने आया है। मंत्री का कहना है कि प्रदेश में वर्ष 2021-22 के कृषि बजट (Budget 2021-22) में पहली बार किसानों (Farmers) की फसल का उचित दाम दिलाने के लिये मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ की गई। इस योजना के लिये 2 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस योजना में राज्य की उपार्जन संस्थाओं जैसे नागरिक आपूर्ति निगम तथा मार्कफेड को आवश्यकता अनुसार वित्तीय सहायता दी जायेगी।
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आज मप्र विधानसभा (MP Assembly) में किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने कहा है कि सरकार ने कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर सहकारी बैंकों (Bank) के माध्यम से फसल ऋण प्रदान करने की योजना (CM Farmer Crop Acquisition Assistance Scheme) को पुन: प्रारंभ किया है। वर्ष 2021-22 में कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देने के लिये एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रावधानित किया है।
कमल पटेल ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिये सरकार दृढ़ संकल्पित है। किसानों को लाभान्वित करने में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव या पक्षपात नहीं किया जायेगा। सरकार ने किसानों को लाभान्वित करने के लिये मुख्यमंत्री फसल उपार्जन योजना को शुरू किया है। साथ ही शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्रदान करने के लिये बजट में एक हजार करोड़ का प्रावधान किया है।
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कमल पटेल ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिये किये गये बजट प्रावधान में पिछले वर्ष से 4561.39 करोड़ रुपये की वृद्धि की है। सरकार ने कृषि बजट में किसान कल्याण तथा कृषि विकास के लिये कुल 15 हजार 191 करोड़ 5 लाख का बजट पारित किया गया है, जिसके अंतर्गत किसान कल्याण तथा कृषि विकास के लिये राशि 14 हजार 940 करोड़ 78 लाख 64 हजार रुपये और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा (Education) के लिये राशि 164 करोड़ 42 लाख 21 हजार रुपये प्रावधानित है।
मंत्री पटेल ने बताया कि सरकार MP के सभी किसानों को मिलने वाले लाभों से लाभान्वित करेगी। इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रहेगा। उन्होंने बताया कि अब तक वन ग्राम के किसानों को बीमा योजना का लाभ नहीं मिलता था। सरकार द्वारा वन ग्रामों के किसानों को भी बीमा योजना का लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित कराया जा रहा है। सरकार ने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Crop Insurance Scheme) का लाभ दिलाने के लिये शासकीय अवकाश (Government Holiday) के दिनों में भी राष्ट्रीयकृत बैंकों (Nationalized Banks)को खुलवाया।
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उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसान बीमा योजना से लाभान्वित हों, इसके लिये केन्द्रीय स्तर पर प्रयास कर पोर्टल को खुलवाया गया और किसानों का बीमा करवाया गया।43 लाख किसानों के खाते में 8 हजार 891 करोड़ रुपये की बीमा राशि अंतरित की गई।
उन्होंने कहा कि किसानों को मण्डियों में डबल राशि का भुगतान करना पड़ता था। हमनें विधायकों (MLA) और किसानों के अनुरोध पर निर्णय लिया कि यदि मण्डियों में तुलावटियों का हाथ नहीं लगा है, तो तुलावटियों को भुगतान नहीं किया जायेगा। इससे 200 करोड़ रुपये का लाभ किसानों को हुआ। सरकार (MP Government) ने कोरोना संकट के बाद भी एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया और किसानों के खाते में 25 हजार करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। किसान हितैषी सरकार ने सोयाबीन की फसलें खराब होने पर किसानों को RB 6 (4) के अंतर्गत 4500 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की।